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Bengal Politics: तृणमूल कांग्रेस में 'एक नेता, एक पद' की नीति लागू करने पर विचार कर रही पार्टी

पार्टी में एक नेता एक पद की नीति लागू करने पर विचार कर रही तृणमूल। पांच जून को होने वाली पार्टी की सांगठनिक बैठक में इस पर विमर्श। तृणमूल के जो जिलाध्यक्ष इस बार मंत्री बनाए गए हैं उन्हें जिलाध्यक्ष के पद से मुक्त किया जा सकता है ।

By Priti JhaEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 12:39 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 02:33 PM (IST)
Bengal Politics: तृणमूल कांग्रेस में 'एक नेता, एक पद' की नीति लागू करने पर विचार कर रही पार्टी
तृणमूल कांग्रेस पार्टी में 'एक नेता, एक पद' की नीति लागू करने पर विचार कर रही है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस पार्टी में 'एक नेता, एक पद' की नीति लागू करने पर विचार कर रही है। तृणमूल की पांच जून को होने वाली सांगठनिक बैठक में इसपर गहनता से विमर्श किया जा सकता है। बैठक में मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के अलावा पार्टी के युवा संगठन के अध्यक्ष अभिषेक बनर्जी, राज्य अध्यक्ष सुब्रत बक्सी, महासचिव पार्थ चटर्जी समेत सभी वरिष्ठ नेता उपस्थित रहेंगे। हालिया संपन्न विधानसभा चुनाव में पार्टी के चुनावी रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर भी मौजूद रहेंगे।

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पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बैठक में पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों, मंत्रियों, नगर निकायों के चेयरमैन व प्रशासकों को भी शामिल होने को कहा गया है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि तृणमूल के जो जिलाध्यक्ष इस बार मंत्री बनाए गए हैं, उन्हें जिलाध्यक्ष के पद से मुक्त किया जा सकता है और उनकी जगह नए लोगों को यह पदभार सौंपा जा सकता है। बैठक में कांथी के सांसद शिशिर अधिकारी को पूर्व मेदिनीपुर जिला तृणमूल के चेयरमैन पद से हटाने पर भी फैसला लिया जा सकता है।

शिशिर विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। अरूप राय को हावड़ा जिला संगठन के चेयरमैन के पद से मुक्त किया जा सकता है। अरूप राय वर्तमान में राज्य के सहकारिता मंत्री व हावड़ा नगर निगम के प्रशासक हैं। कृषि विपणन मंत्री विप्लव मित्रा को दक्षिण दिनाजपुर जिला तृणमूल के चेयरमैन पद से मुक्त किया जा सकता है। इसी तरह पार्टी में विभिन्न पदों पर आसीन कई मंत्रियों को उन पदों से मुक्त किया जा सकता है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक तृणमूल इस नीति पर धीरे-धीरे आगे बढ़ना चाहती है ताकि पार्टी में इसे लेकर किसी तरह का मतभेद व असंतोष की भावना पैदा न हो। सांगठनिक बैठक में उन लोगों को पार्टी में वापस लेने पर भी निर्णय लिया जा सकता है, जिन्होंने लौटने की इच्छा जताई है। 


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