पंचायत चुनाव में जीते उम्मीदवारों का ममता ने मंगाया बायोडाटा
कैंचवर्ड :: 2019 की तैयारी - पंचायतों में इस बार खुद सीएम तय करेंगी विजेता प्रत्याशियों का पद
कैंचवर्ड :: 2019 की तैयारी
- पंचायतों में इस बार खुद सीएम तय करेंगी विजेता प्रत्याशियों का पद
- इस बार साफ-सुथरी छवि वाले लोगों को ही मौका देने की तैयारी
- तृणमूल के सभी विजेता प्रत्याशियों को भरना होगा फॉर्म
जेएनएन, कोलकाता : पश्चिम बंगाल में हाल में संपन्न पंचायत चुनाव में जबर्दस्त जीत के बाद अब तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्टी के जीते हुए प्रत्याशियों का बायोडाटा मंगाया है। सूत्रों के अनुसार, इसके पीछे कहा जा रहा है कि ममता साफ-सुथरे बैकग्राउंड वाले उम्मीदवार को ही पद देना चाहती है ताकि वह गांव में विकास कार्यो को ठीक तरह से अंजाम दे सके।
सूत्र के मुताबिक, 2019 में लोकसभा चुनाव को देखते हुए ममता राज्य में पार्टी की जड़ों को और ज्यादा मजबूत करना चाहती है इसलिए वह पंचायत स्तर पर अनुशासन कायम करने के प्रयास में हैं। तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, जिला स्तर पर जल्द ही एक बड़ी मुहिम शुरू करने की भी तैयारी है। वहीं, पंचायत चुनाव में जीते सभी उम्मीदवारों के लिए एक फॉर्म तैयार किया गया है जिसे हर विजेता को भरना होगा। इनमें ग्राम पंचायत, पंचायत समिति व जिला परिषद के सदस्य शामिल हैं। फॉर्म पर विजेता प्रत्याशी को अपनी एक तस्वीर भी लगानी होगी। इस फॉर्म में नाम, उम्र, व्यवसाय, पोर्टफोलियो, राजनीति के क्षेत्र में अनुभव और पंचायत से संबंधित कामों से जुड़ी सारी जानकारी देनी होगी। फॉर्म भरने के बाद और उसे सेल्फ अटेस्टेड के उपरांत सभी विजेता प्रत्याशी इसे जिला पार्टी अध्यक्ष को सौंपेंगे। उसके बाद इस फॉर्म को कोलकाता स्थित तृणमूल के मुख्यालय में पहुंचाया जाएगा।
इधर, इस नई पहल पर उत्तर बंगाल से पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, हमने कई बार देखा है कि पार्टी के अंदर लॉबिंग की जाती है और ऐसे उम्मीदवार जो लायक नहीं होते हैं उन्हें पद दे दिया जाता है। फॉर्म भरने के बाद अब ऐसा कुछ नहीं होगा। पूरा डाटा मुख्यमंत्री की पर्सनल फाइल में रखा जाएगा और वही इन प्रत्याशियों का पद तय करेगी। इसके अलावा सूत्रों का कहना है कि झाड़ग्राम, पुरुलिया और उत्तर बंगाल के कुछ हिस्सों में जहां तृणमूल का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है वहां इसके पीछे कारणों का पता लगाने के काम में भी पार्टी जुट गई है। इन इलाकों में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रहा है। इधर, यह बात भी सामने आई है कि इन इलाकों में तृणमूल के कुछ स्थानीय नेताओं के उपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं जिसके कारण चुनाव नुकसान उठाना पड़ा।