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Cyclone: प्रकृति का प्रकोप- बंगाल के लोगों को चक्रवात के बाद अब बवंडर कर रहा आतंकित

यास के आने से एक दिन पहले हुगली जिले के चुंचुड़ा अंचल के आसमान में उठा था बवंडर गुरुवार सुबह उत्तर 24 परगना जिले के अशोकनगर में बवंडर से 40-50 कच्चे घर क्षतिग्रस्त बंगाल के लोगों को चक्रवात के बाद अब बवंडर आतंकित कर रहा है।

By Priti JhaEdited By: Published: Thu, 27 May 2021 02:22 PM (IST)Updated: Thu, 27 May 2021 02:24 PM (IST)
Cyclone: प्रकृति का प्रकोप- बंगाल के लोगों को चक्रवात के बाद अब बवंडर कर रहा आतंकित
बंगाल के लोगों को चक्रवात के बाद अब बवंडर आतंकित कर रहा है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल के लोगों को चक्रवात के बाद अब बवंडर आतंकित कर रहा है। चक्रवात 'यास' के आने से एक दिन पहले हुगली जिले के चुंचुड़ा अंचल के आसमान में बवंडर उठा था। उस बवंडर ने 40-50 कच्चे घरों को अपनी चपेट में ले लिया था। उस घटना में किसी की मौत नहीं हुई थी लेकिन कुछ लोग जख्मी हो गए थे। चुंचुड़ा के लोगों ने आसमान में कभी इस तरह का बवंडर नहीं देखा था। इसे चक्रवात के आने से पहले का असर बताया गया था।

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ठीक उसी तरह का बवंडर गुरुवार सुबह उत्तर 24 परगना जिले के अशोकनगर में देखने को मिला। इस बवंडर ने भी कई कच्चे घरों को अपनी चपेट में ले लिया। उनकी टीन की छतें उड़कर तीन-चार किलोमीटर दूर जा गिरीं। स्थानीय लोग आतंकित हो उठे। उनका कहना है कि उन्होंने इससे पहले भी कई बार साइक्लोन का दंश झेला है लेकिन कभी बवंडर नहीं देखा। यह पहला मौका है जब उन्हें कुदरत के इस कहर का भी सामना करना पड़ रहा है।

कुछ मौसम विज्ञानियों का कहना है कि चक्रवात की तेज हवाओं के कारण इस तरह के बवंडर का जन्म हो रहा है। बंगाल में जब तक यास का असर बना रहेगा, तब तक ऐसे बवंडर आते रह सकते हैं। यह बवंडर ज्यादा समय के लिए नहीं होते लेकिन थोड़े समय में ही काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं इसलिए बेहद सतर्क रहने की जरूरत है।

गौरतलब है कि यास के प्रभाव के कारण बंगाल के विभिन्न जिलों में गुरुवार को हल्की से मूसलाधार बारिश हो रही है। तेज हवाएं भी चल रही हैं। ये परिस्थितियां बवंडर के पैदा होने के अनुकूल बताई जा रही हैं। 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि चक्रवात के गुजरने के बावजूद अगले 24 घंटों तक सतर्क रहने की जरूरत है। अभी कोलकाता के नदी किनारे के विभिन्न इलाकों में जलजमाव की स्थिति है। एहतियातन कुछ जगहों पर बिजली की आपूर्ति बंद कर दी गई है। बारिश के कारण वहां के वाशिंदों की समस्या और बढ़ रही है। चक्रवात से पूर्व मेदिनीपुर व दक्षिण 24 परगना जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। 


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