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बीएसएफ की 153 बटालियन ने सिविक एक्शन कार्यक्रम का किया आयोजन, निशुल्क मेडिकल कैंप का ग्रामीणों ने उठाया लाभ

कमांडेंट नेगी की पहल पर 153 बटालियन की बीओपी डोबिला कैजूरी व गोबर्धा में पिछले एक वर्ष से गांव के नवयुवाओं के लिए निशुल्क कोचिंग क्लासों का आयोजन किया जा रहा हैं। कमांडेंट का मानना है कि इस युवा शक्ति में एक सकारात्मक सोच को विकसित करने की आवश्यकता हैं।

By PRITI JHAEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 09:21 AM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 09:21 AM (IST)
सीमावर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों को संबोधित करते कमांडेंट जवाहर सिंह नेगी।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर का विभिन्न बटालियन बंगाल में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा की रखवाली के साथ सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों की मदद व उनके साथ समन्वय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में सीमावर्ती उत्तर 24 परगना जिले में तैनात बीएसएफ की 153 बटालियन के कमांडेंट जवाहर सिंह नेगी के नेतृत्व में बॉर्डर में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार की संभावनाओं को तलाशने की कड़ी में नित्य-नए तरीकों से ग्रामीण लोगों को किसी न-किसी सूरत में लाभान्वित करने के सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं।

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इसी कड़ी में बीएसएफ की सीमा चौकी डोबिला अंतर्गत डोबिला गांव में में 153वीं बटालियन के कमांडेंट जवाहर सिंह नेगी की देखरेख में 22 जनवरी को सिविक एक्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके तहत गांव में निशुल्क मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें डॉ. विश्वनाथ दास, चीफ मेडिकल ऑफिसर (एस जी) के साथ-साथ कमाण्डेंट नेगी व सुरेश कुमार शाशनी, द्वितीय कमान अधिकारी और बटालियन के अन्य अधिकारियों तथा कार्मिकों ने निशुल्क मेडिकल कैंप को सफल बनाने हेतु अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लाभार्थियों में 140 पुरुष 35 महिलाएं एवं 35 बच्चे शामिल हैं, जिन्होंने इस मेडिकल कैंप का लाभ उठाया। इसके साथ ही सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत बीओपी डोबिला और गोबर्धा में बॉर्डर एरिया के नौजवानों को रोजगार के अवसर तलाशने हेतु मोटिवेशनल लेक्चर्स लिए गए, जिसमें युवाओं का अच्छा-खासा उत्साह देखने को मिला।

गौरतलब है कि कमांडेंट नेगी की पहल पर 153 बटालियन की बीओपी डोबिला, कैजूरी व गोबर्धा में पिछले एक वर्ष से गांव के नवयुवाओं के लिए निशुल्क कोचिंग क्लासों का आयोजन किया जा रहा हैं। कमांडेंट नेगी का मानना है कि बॉर्डर की इस युवा शक्ति में एक सकारात्मक सोच को विकसित करने की नितांत आवश्यकता हैं, जिससे ये युवा शक्ति पढ़-लिखकर अपनी जीविकोर्पाजन में आत्मनिर्भर बन सके और आगे चलकर राष्ट्र-निमार्ण में अपना योगदान दे सकें। इससे पहले मेडिकल कैंप के उद्घाटन के मौके पर कमांडेंट नेगी ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए बताया कि ऐसे कार्यक्रम आगे भी चलते रहेंगे और आपकी मदद के लिए 153 बटालियन, बीएसएफ हमेशा तत्पर रहेगी। 


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