बलिदान दिवस पर स्वपन दासगुप्ता बोले, बंगाल में हिंसा चीन के कल्चरल रिवॉल्यूशन के आतंक के समान
जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामप्रसाद मुखर्जी की पुण्य तिथि पर उन्हें याद कर श्रद्धांजलि देते हुए बुधवार को भाजपा के राज्यसभा सदस्य स्वपन दासगुप्ता ने बंगाल में हुई राजनीतिक हिंसा की तुलना 1960 में चीन के कल्चरल रिवॉल्यूशन के दौरान हुए आतंक से की।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामप्रसाद मुखर्जी की पुण्य तिथि पर उन्हें याद कर श्रद्धांजलि देते हुए बुधवार को भाजपा के राज्यसभा सदस्य स्वपन दासगुप्ता ने बंगाल में हुई राजनीतिक हिंसा की तुलना 1960 में चीन के कल्चरल रिवॉल्यूशन के दौरान हुए आतंक से की। उन्होंने बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर यह कहकर हमला बोला कि राज्य में राजनीतिक हिंसा 1960 के बाद चीन में माओत्से तुंग द्वारा शुरू किए गए आतंकी अभियान से की। चौंकाने वाला बयान तब आया है, जब लगभग 200 भाजपा कार्यकर्ता मंगलवार को अपना सिर मुंडन कराकर गंगा जल छिड़कर तृणमूल में लौटेे हैं।
उनलोगों ने अपना सिर मुंडवा कर प्रायश्रित करने की बात कही थी। इसी को लेकर उन्होंने ट्वीट किया कि कई लोग 1960 के दशक के मध्य में चीन की सांस्कृतिक क्रांति की भयावहता को याद करेंगे। सामूहिक निंदा, आत्म-आलोचना और रेड गार्ड्स द्वारा लोगों के सार्वजनिक अपमान के अन्य रूप और मंदिरों का विनाश जैसे दृश्यों को अब भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ बंगाल में फिर से लागू किया जा रहा है।
बता दें कि भाजपा लगातार बंगाल में हिंसा का आरोप लगा रही है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी हिंसा को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साध रहे हैं और उन्होंने सीएम ममता बनर्जी को पत्र भी लिखा था। कलकत्ता हाई कोर्ट की पांच जजों की वृहतर पीठ ने भी सियासी हिंसा की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को निर्देश दिया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने चुनाव बाद हुई हिंसा की जांच के लिए हाई कोर्ट के निर्देश पर सात सदस्यीय कमेटी गठित की है।