गणतंत्र दिवस पर बीएसएफ कमांडेंट का सीमावर्ती क्षेत्र के युवाओं से आह्वान- किसी भी अवैध गतिविधि में नहीं हों शामिल, राष्ट्र निर्माण में दें योगदान
कमांडेंट नेगी ने जवानों से कहा कि कोई भी देश विरोधी ताकत जो सीमा पर देश के भीतर या देश के बाहर से भारत को कमजोर करने की कोशिश करता है या देश विरोधी कार्य करता है तो उसके खिलाफ हम दीवार बनकर खड़े रहेंगे।
कोलकाता, राजीव कुमार झा। बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में भारत- बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा में तैनात दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 153वीं बटालियन ने धूमधाम के साथ 73वां गणतंत्र दिवस समारोह मनाया। बटालियन की सीमा चौकी कैजुरी में आयोजित भव्य समारोह में 153वीं वाहिनी के कमांडेंट जवाहर सिंह नेगी ने बटालियन के अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और परेड की सलामी ली। इस मौके पर सभी रैंक के अधिकारियों और जवानों सहित सीमावर्ती गांव के गणमान्य लोग व स्कूली बच्चे मौजूद रहे।
झंडोत्तोलन के बाद समारोह को संबोधित करते हुए कमांडेंट नेगी ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी और कहा कि बहुत लंबे संघर्ष के बाद देश को आजादी मिली थी। उन्होंने कहा कि हमें उन लोगों के बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए जिन्होंने इस दिन के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया और कठिन लड़ाई लड़ी। कमांडेंट ने इस अवसर पर सीमावर्ती क्षेत्र के स्थानीय युवाओं व बच्चों को संबोधित करते हुए आह्वान किया कि वे किसी भी अवैध या आपराधिक गतिविधियों में शामिल न हों और और खुद को राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़कर एक अच्छा नागरिक बने और राष्ट्र के निर्माण और विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। उन्होंने सभी सीमा प्रहरियों से भी अपनी ड्यूटी का निर्वहन इसी प्रकार पूरी कर्तव्य निष्ठा व ईमानदारी के साथ आगे भी करते रहने एवं सभी प्रकार की चुनौतियों का डटकर मुकाबला करने का आह्वान किया।
'देश विरोधी ताकतों के खिलाफ हम दीवार बनकर खड़े रहेंगे'
कमांडेंट नेगी ने जवानों से कहा कि कोई भी देश विरोधी ताकत जो सीमा पर, देश के भीतर या देश के बाहर से भारत को कमजोर करने की कोशिश करता है या देश विरोधी कार्य करता है तो उसके खिलाफ हम दीवार बनकर खड़े रहेंगे और जो इलाका हमारे अधिकार क्षेत्र में है और जो जिम्मेदारी हमें मिली है उसकी रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे।
उन्होंने कहा कि सरहद की हिफाजत के लिए हमने जब यह वर्दी पहनी थी तभी प्रण किया था कि हम भारत की संप्रभुता, उसकी सुरक्षा और आन-बान-शान पर कभी कोई आंच नहीं आने देंगे और अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए यदि हमें अपने प्राणों को भी न्योछावर करना पड़े तो उसके लिए हम दृढ़ संकल्पित हैं। यह प्रण आज भी जिंदा है और हमेशा जिंदा रहेगा।
स्कूली बच्चों व युवाओं को प्रशस्ति पत्र से किया सम्मानित
संबोधन के बाद कमांडेंट नेगी ने यहां मौजूद जवानों, गांव के गणमान्य लोगों और स्कूली बच्चों के बीच खुद अपनी हाथों से मिठाइयों का वितरण किया और उन्हें आजादी के पर्व की शुभकामनाएं दी।इस अवसर पर सीमावर्ती गावं कैजुरी, गोवरधा, बिरतीपारा, मंडलपारा और दासपारा के युवाओं और बच्चों को आमंत्रित किया गया था। सीमा सुरक्षा बल द्वारा आयोजित खेल प्रतिस्पर्धा में उत्कृष्ट प्रर्दशन करने वाले युवाओं और बच्चों को इस मौके पर कमांडेंट नेगी ने प्रशस्ति पत्र और पदक से भी सम्मानित किया और उनकी हौसला अफजाई की।
भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम व बड़ा खाना का भी हुआ आयोजन
गणतंत्र दिवस के अवसर पर यहां भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ। इसमें जवानों व अधिकारियों ने एक से बढ़कर एक देश भक्ति गीत प्रस्तुत किया और सभी ने आजादी के पर्व का जश्न मनाया। सीमावर्ती गांव के कई गणमान्य लोग और स्कूली बच्चे भी इसके गवाह बने और सभी ने इसका लुत्फ उठाया। इसके बाद बीएसएफ की परंपरा के अनुसार खास मौके पर होने वाले बड़ा खाना का भी आयोजन हुआ। समारोह में मौजूद सभी रैंकों के लगभग 150 जवानों व अधिकारियों ने बड़ा खाना का आनंद उठाया।
सीमा सुरक्षा बल के सेवानिवृत्त कार्मिकों को भी किया गया था आमंत्रित
इस समारोह में आसपास के सीमावर्ती क्षेत्रों के सीमा सुरक्षा बल के सेवानिवृत्त कार्मिकों को भी आमंत्रित किया गया था और उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा को और बढा दिया। कमांडेंट नेगी ने सेवानिवृत्त कार्मिकों को उनके विशेष रूप से सीमा सुरक्षा बल और बड़े पैमाने पर राष्ट्र के लिए की गई सेवाओं के सम्मान के रूप में स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया।
स्थानीय युवाओं व सेवानिवृत्त कर्मियों ने भी सांस्कृतिक कार्यक्रम व बड़े खाने का लुत्फ उठाया। इस मौके पर सभी ने 153वीं बटालियन द्वारा क्षेत्र में अपराधों/तस्करी पर पूरी तरह से रोक लगाने की प्रंशसा भी की। इस अवसर पर आमंत्रित किए जाने से स्थानीय युवाओं व सेवानिवृत लोगों ने अपने आप को गौरवान्वित महसूस किया और 153वीं बटालियन का आभार प्रकट किया।
153वीं बटालियन के जवान को वीरता के लिए गणतंत्र दिवस पर मिला राष्ट्रपति पुलिस पदक
बता दें कि गणतंत्र दिवस पर इस बार 153वीं बटालियन के कांस्टेबल आनंद ओरांव को वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी सम्मानित किया गया है। पूरे देश में बीएसएफ से इस बार गणतंत्र दिवस पर 53 जवानों को वीरता समेत विशिष्ट एवं सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक मिला है। खास बात यह है कि इन 53 जवानों में से मात्र दो को ही वीरता के लिए राष्ट्रपति पदक मिला है। वीरता पदक पाने वाले दो में से एक जवान 153वीं बटालियन के हैं।
इस मौके पर कमांडेंट नेगी ने अपने बटालियन के जवान कांस्टेबल आनंद ओरांव को वीरता पदक मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी और इसे बटालियन के लिए बड़ी उपलब्धि बताया। बताते चलें कि ओरांव ने अगस्त 2019 में भारत-बांग्लादेश सीमा पर 20- 25 मवेशी तस्करों के झुंड से अकेले लोहा लिया था और घायल होने के बावजूद वे अपने जीवन की परवाह किए बिना लड़ते रहे। उन्होंने घायल अवस्था में भी एक बांग्लादेशी मवेशी तस्कर को पकड़ने के साथ 10 मवेशियों को भी तस्करी से बचाया था।