बंगाल में लोकल ट्रेन सेवा बहाल होते ही कोलकाता में निजी बसों की संख्या बढ़ी
गौरतलब है कि कोरोना महामारी से पहले हावड़ा व सियालदह स्टेशनों से 20 से 25 लाख लोग कोलकाता आया जाया करते थे। लोकल ट्रेनें चलने के बाद अगर 20 लाख लोग भी आवागमन करेंगे तो बसों की फ्रीक्वेंसी बढ़ानी पड़ेगी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में लोकल ट्रेन सेवा बहाल होते ही कोलकाता व आसपास निजी बसों की संख्या बढ़ गई है। निजी बस मालिक संगठनों से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को कोलकाता में चलने वाली बसों में करीब दो हजार का इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि कोरोना महामारी से पहले हावड़ा व सियालदह स्टेशनों से 20 से 25 लाख लोग कोलकाता आया जाया करते थे। लोकल ट्रेनें चलने के बाद अगर 20 लाख लोग भी आवागमन करेंगे तो बसों की फ्रीक्वेंसी बढ़ानी पड़ेगी।
बस स्टाफ की संख्या में भी 15 फीसद की बढ़ोतरी
वेस्ट बंगाल बस एंड मिनी बस ऑनर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव प्रदीप नारायण बोस ने कहा-'लोकल ट्रेन सेवा बहाल होने से पहले कोलकाता में हमारे संगठन की 35 फीसद बसें चल रही थीं, जो बुधवार को बढ़कर 50 फीसद हो गई हैं। आने वाले दिनों में इसमें और बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। संख्या के लिहाज से देखें तो कोलकाता में पहले हमारी करीब ढाई हजार बसें चल रही थीं, जो 4000 हो गई हैं। बसों के साथ-साथ बस स्टाफ की संख्या में भी 15 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।'
संगठन की बसों की संख्या में 500 की बढ़ोतरी हुई
वहीं ज्वाइंट काउंसिल आफ बस सिंडिकेट्स के महासचिव तपन कुमार बनर्जी ने बताया-' बुधवार को हमारे संगठन के बैनर तले चलने वाली बसों की संख्या में 500 की बढ़ोतरी हुई है। जैसे-जैसे यात्रियों की संख्या बढ़ेगी, वैसे-वैसे बसों की संख्या में भी इजाफा होगा और हमें हो रहे नुकसान की काफी हद तक भरपाई की जा सकेगी।'
बसों से गंतव्य स्थलों पर जा रहे हैं, अच्छी बात है
बनर्जी ने आगे कहा-'ट्रेनें चलने से हावड़ा और सियालदह स्टेशनों पर लोग पहुंच रहे हैं और वहां से बसों से गंतव्य स्थलों पर जा रहे हैं। यह अच्छी बात है।' बनर्जी ने हालांकि यह भी कहा कि जब तक हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाएंगे, स्कूल-कॉलेज-ऑफिस पहले की तरह खुल नहीं जाएंगे, तबतक निजी बस सेक्टर भी पूरी तरह से उबर नहीं पाएगा।