Move to Jagran APP

अब प्रशासक मंडल को 20 जुलाई तक केएमसी के कार्य देखने की हाईकोर्ट ने दे दी अनुमति

एक एकल पीठ ने सात मई को निर्देश दिया था कि मेयर का पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद बंगाल सरकार द्वारा नियुक्त प्रशासक मंडल चार सप्ताह के लिए काम करेगा।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 12 May 2020 06:35 PM (IST)Updated: Tue, 12 May 2020 06:35 PM (IST)
अब प्रशासक मंडल को 20 जुलाई तक केएमसी के कार्य देखने की हाईकोर्ट ने दे दी अनुमति
अब प्रशासक मंडल को 20 जुलाई तक केएमसी के कार्य देखने की हाईकोर्ट ने दे दी अनुमति

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आदेश दिया कि कोलकाता के पूर्व मेयर फिरहाद हाकिम की अध्यक्षता में एक प्रशासक मंडल 20 जुलाई तक कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के कार्यवाहक बोर्ड के तौर पर कामकाज देखेगा।

loksabha election banner

न्यायमूर्ति आइपी मुखर्जी और न्यायमूर्ति टी घोष की पीठ ने कार्यवाहक बोर्ड का कार्यकाल 20 जुलाई तक बढ़ा दिया। एक एकल पीठ ने सात मई को निर्देश दिया था कि मेयर का पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद बंगाल सरकार द्वारा नियुक्त प्रशासक मंडल चार सप्ताह के लिए काम करेगा। 

सात मई को अंतरिम आदेश में न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार ने निर्देश दिया था कि कोरोना वायरस के कारण बने असामान्य हालात में केएमसी का कामकाज सुगमता से चलता रहे, इसके लिए कार्यवाहक बोर्ड इसके रोजाना के कामकाज एक महीने तक संभालेगा। इस आदेश को याचिकाकर्ता शरद कुमार सिंह ने दो जजों की पीठ के समक्ष चुनौती दी। रिट याचिका में केएमसी के प्रशासक मंडल का अध्यक्ष शहर के पूर्व मेयर फिरहाद हाकिम को नियुक्त करने संबंधी राज्य सरकार की अधिसूचना को चुनौती दी गई। कोरोना वायरस प्रकोप के कारण केएमसी के चुनाव नहीं होने की वजह से सरकार ने बोर्ड का गठन किया था। याचिका में दावा किया गया कि भारत के संविधान के अनुसार कोई निर्वाचित सदस्य पांच साल की निश्चित अवधि से अधिक पद पर नहीं रह सकता इसलिए हाकिम की नियुक्ति अवैध है। याचिका में यह दावा भी किया गया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने छह मई को अवैध तरीके से निवर्तमान मेयर परिषद के सदस्यों और केएमसी के मेयर को केएमसी के प्रशासक मंडल का क्रमश: सदस्य और अध्यक्ष नियुक्त किया। अधिसूचना को रद्द करने की मांग करते हुए याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि कोलकाता नगर निगम अधिनियम में प्रशासक की नियुक्तति का कोई प्रावधान नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.