अब देशप्रेम दिवस को लेकर फारवर्ड ब्लाक ने कलकत्ता हाई कोर्ट में दायर की जनहित याचिका
फारवर्ड ब्लाक की ओर से दायर जनहित याचिका में दावा किया गया है कि वाममोर्चा सरकार ने महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि देने के लिए 23 जनवरी को देशप्रेम दिवस के रूप में घोषित किया था।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : अब देशप्रेम दिवस को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। फारवर्ड ब्लाक की ओर से दायर जनहित याचिका में दावा किया गया है कि वाममोर्चा सरकार ने महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि देने के लिए 23 जनवरी को देशप्रेम दिवस के रूप में घोषित किया था। वर्तमान राज्य सरकार 23 जनवरी को देशप्रेम के दिन के रूप में नहीं मनाती है। कोर्ट ने राज्य सरकार को 21 जनवरी तक स्थिति की जानकारी देने को कहा है।
याचिकाकर्ता फरीद मुल्ला ने इस संबंध में राज्य सरकार को आवश्यक निर्देश देने के लिए मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में मामला दायर किया है। याचिका में उनका दावा है कि इस संबंध में तत्कालीन सरकार की ओर से एक अधिसूचना भी जारी की गई थी। अधिसूचना में संशोधन नहीं किया गया है। कोई नई अधिसूचना जारी नहीं की गई। वर्तमान राज्य सरकार 23 जनवरी को देशभक्ति के दिन के रूप में नहीं मनाती है। उस दिन किसी भी जिले में पुलिस बैंड में नेताजी की आजाद हिंद वाहिनी का गीत 'कदम कदम बढ़ाए जा' नहीं बजाया जाता है। कोलकाता समेत जिलों में भी नेताजी की झांकी के साथ जुलूस नहीं निकलता है।
याचिकाकर्ता की मांग पर खंडपीठ ने निर्देश दिया कि राज्य इस मामले पर 21 जनवरी तक हाई कोर्ट को अपना बयान सौंपे। गौरतलब है कि दिल्ली में होने वाले गणतंत्र दिवस परेड के लिए केंद्र सरकार की तरफ से खारिज की गई बंगाल की झांकी को अब कोलकाता के रेड रोड में होने वाले गणतंत्र दिवस परेड में दर्शाया जाएगा। बंगाल की झांकी स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की इसी साल होने जा रही 125वीं जयंती पर आधारित है।