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अब मदन मित्रा का जगदीप धनखड़ पर हमला, कहा-गवर्नर को एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर पसंद है

विधायक मदन मित्रा ने भी राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर हमला बोलते हुए कहा राज्यपाल को एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर पसंद है। इसलिए वह अपना काम करते हुए देखते रहते हैं कि दूसरे क्या कर रहे हैं। दो दिन पहले ममता ने राज्यपाल को भ्रष्ट बताया था।

By Babita KashyapEdited By: Published: Thu, 01 Jul 2021 12:05 PM (IST)Updated: Thu, 01 Jul 2021 12:06 PM (IST)
विधायक मदन मित्रा ने भी राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर हमला बोल दिया।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लेकर तृणमूल नेता सुखेंदु शेखर राय, मंत्री ब्रात्य बसु और अब विधायक मदन मित्रा ने भी राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर हमला बोल दिया। दो दिन पहले ममता ने राज्यपाल को भ्रष्ट और जैन हवाला कांड में शामिल रहने के आरोप लगाने के बाद राज्य के पूर्व मंत्री व तृणमूल विधायक मदन मित्रा कहा कि राज्यपाल को एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर पसंद है। इसलिए वह अपना काम करते हुए देखते रहते हैं कि दूसरे क्या कर रहे हैं और हर बात में अपनी टांग अड़ाते हैं।

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बता दें दो दिन पहले ही कृषि मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने राज्यपाल को झूठा करार दिया था। दूसरी ओर राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर हमला तेज करते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कहा है कि वह उनकी बर्खास्तगी की मांग को आगे बढ़ाने के तरीकों पर विचार करेगी। टीएमसी नेता सुखेंदु शेखर राय ने कहा कि उनकी पार्टी उन कदमों पर निर्णय लेने के लिए आंतरिक चर्चा करेगी, जो उन्हें पद से हटाने के लिए शुरू किए जा सकते हैं।

तृणमूल सांसद ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने राज्य से उन्हें वापस बुलाने की मांग करते हुए तीन पत्र भेजे हैं। संसदीय दल पहले भी इसी कारण से राष्ट्रपति के पास गया था। कुछ नहीं हुआ। आगामी संसदीय सत्र में भी हम इस मुद्दे को उठाएंगे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक दिन पहले दावा किया था कि  जैन हवाला कांड में धनखड़ का नाम था। हालांकि धनखड़ ने तुरंत बाद इन आरोपों को‌ खारिज किया था और मुख्यमंत्री पर ‘‘झूठ और गलत सूचना’’ फैलाने का आरोप लगाया था।  

राज्यपाल पर सत्ता का दुरुपयोग करने का लगाया है आरोप

राज्य के मंत्री ब्रात्य बसु ने धनखड़ पर ‘‘सत्ता का दुरुपयोग करने, राज्य को विभाजित करने की कोशिश करने और संवैधानिक मानदंडों के उल्लंघन’’ का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा, ‘‘वह उत्तर बंगाल के उन नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं, जो राज्य के विभाजन का समर्थन करते हैं। वह गोरखा क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के खातों की सीएजी से ऑडिट की मांग करके तृणमूल कांग्रेस सरकार की छवि खराब करना चाहते हैं।’’


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