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West Bengal: अब कुछ ही सेकेंड में चल सकेगा कैंसर का पता, प्रोफेसर ने विकसित की चिप

cancer. जादवपुर विश्वविद्यालय के भौतिक विभाग के प्रोफेसर ने शोध कर एक विशेष प्रकार का चिप विकसित किया है जिसके जरिए तुरंत कैंसर का पता चल सकेगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 05:22 PM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 05:22 PM (IST)
West Bengal: अब कुछ ही सेकेंड में चल सकेगा कैंसर का पता, प्रोफेसर ने विकसित की चिप
West Bengal: अब कुछ ही सेकेंड में चल सकेगा कैंसर का पता, प्रोफेसर ने विकसित की चिप

जागरण ब्यूरो, कोलकाता। cancer. शरीर में कैंसर है कि नहीं अब इसका महज कुछ ही सेकेंड में पता चल सकेगा। जी हां, कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय के भौतिक विभाग के प्रोफेसर ने शोध कर एक विशेष प्रकार का चिप विकसित किया है, जिसके जरिए तुरंत कैंसर का पता चल सकेगा। फिलहाल, प्रोस्टेट व ब्रेस्ट कैंसर पर जादवपुर विश्वविद्यालय के भौतिक विभाग के प्रोफेसर जयदीप चौधरी व उनके शोधकर्ता छात्र सुमित कुमार दास ने शोध किया है। उन्हें जीव विज्ञान के प्रोफेसर परिमल कर्मकार तथा शोधकर्ता छात्र कुणाल पाल ने सहायता की है। इसके अलावा बोस इंस्टीट्यूट के भौतिक विभाग के शोधकर्ता छात्र ताराशंकर भट्टाचार्य ने भी मदद की है। विशेषज्ञों का मानना है कि जादवपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर का शोध कैंसर की जांच के मामले में नई दिशा दिखाएगा।

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प्रोफेसर जयदीप चौधरी के मुताबिक, विश्वविद्यालय के जीव विज्ञान विभाग ने पुणे के नेशनल सेंटर फार सेल साइंस से एक सेल (कोषिका) की खरीदारी की। प्रयोगशाला में ही सेल को बड़ा किया गया। हालांकि इसके लिए खास तापमान में विशेष तरह की पद्धति अपनाई गई। सेल के बड़े हो जाने पर उसे शोध के लिए भौतिक विभाग को दिया गया। इसके बाद सेल को लैंग्मूर ब्लजेट यंत्र की सहायता से तैयार किए गए चिप पर रखा गया, जिससे यह पता चल सके कि यह टॉक्सिक हुआ है या नहीं। क्योंकि सेल के टॉक्सिक हो जाने पर उस पर शोध संभव नहीं था, लेकिन परीक्षण के बाद देखा गया कि इस तरह की खास कोई समस्या नहीं देखी गई।

इसके बाद सरफेस इंहेस्ड रमन स्पेक्ट्रोस्केपिक की सहायता से सेल का परीक्षण किया गया। प्रोफेसर के मुताबिक सामान्य व कैंसर युक्त सेल को चिप पर रखा गया। इसके बाद सरफेस इंहेस्ड रमन स्पेक्ट्रोस्केपिक की मदद से दोनों सेलों में फर्क को देखा गया। देखा गया कुछ ही सेकेंड में कैंसर की जांच का पता चल गया। हाल में सेंसर्स एंड एक्चुएटर्सबी जर्नल में इस शोध से जुड़ा एक पेपर प्रकाशित हुआ है।

प्रोफेसर का कहना है कि अगर आने वाले दिनों इस तरह की पद्धति को प्रयोगशालाओं या परीक्षण केंद्रों में अपनाया जाता है तो शीघ्र कैंसर की जांच मुमकिन होगी। जितनी जल्दी कैंसर का पता चलेगा उतनी जल्दी इलाज शुरू हो सकेगा। मौजूदा समय में कैंसर का पता लगाने के लिए इंडोस्कोपी, बायोस्कोपी आदि जांच की जाती है, लेकिन इसकी रिपोर्ट आने में कम से कम तीन से पांच दिन का समय लगता है। उन्होंने कहा कि अगर राज्य का स्वास्थ्य विभाग इस पद्धति को अपनाना चाहता है तो वह इस मामले में पूरी मदद करेंगे।

विशेषज्ञों का कहना है कि प्रति वर्ष लाखों लोग कैंसर का शिकार हो रहे हैं। इसमें पुरुषों में प्रोस्टेट तथा महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले भी ज्यादा देखने को मिल रहे हैं।

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