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Bengal Politics : अब भाजपा नेता प्रबीर घोषाल हुए बागी, टीएमसी के मुखपत्र में गिनाई पार्टी की कमियां

तृणमूल के पूर्व विधायक ने भाजपा को अर्थ केंद्रित पार्टी करार दिया। कहा कि वह अब पार्टी में नहीं रह सकते। पूर्व मंत्री राजीब बनर्जी के साथ टीएमसी छोडी थी। असमंज में भाजपा में अपनी यात्रा शुरू की थी। हर दिन पार्टी में झगड़ा और मारपीट की खबर मिलती थी।

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 17 Nov 2021 08:57 PM (IST)Updated: Wed, 17 Nov 2021 09:08 PM (IST)
Bengal Politics : अब भाजपा नेता प्रबीर घोषाल हुए बागी, टीएमसी के मुखपत्र में गिनाई पार्टी की कमियां
चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के नेताओं का दायित्व दिया गया था।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : विधानसभा चुनाव के पहले टीएमसी छोडक़र भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक प्रबीर घोषाल बागी हो गए हैं। उन्होंने बुधवार को टीएमसी के मुखपत्र ‘जागो बांग्ला’ में लेख लिखकर पार्टी छोडऩे का संकेत दिया है। इसके साथ ही तृणमूल के पूर्व विधायक ने भाजपा को अर्थ केंद्रित पार्टी करार दिया। कहा कि वह अब पार्टी में नहीं रह सकते।

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पूर्व मंत्री राजीब बनर्जी के साथ टीएमसी छोडी थी

बता दें कि विधानसभा चुनाव के पहले ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले प्रबीर घोषाल पूर्व मंत्री राजीब बनर्जी के साथ टीएमसी छोडक़र भाजपा में शामिल हो गए थे। राजीब बनर्जी कुछ दिन पहले ही टीएमसी में वापस लौट गए हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद से भाजपा से नेताओं को पलायन जारी है।

असमंज में भाजपा में अपनी यात्रा शुरू की थी

जागो बांग्ला में प्रबीर घोषाल ने लिखा है कि मुझे भाजपा का उम्मीदवार बनाए जाने का पार्टी के कुछ नेताओं ने विरोध किया था। उन्होंने असमंज में भाजपा में अपनी यात्रा शुरू की थी। चुनाव के दौरान भाजपा के बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने उन्हें प्रचार में सहयोग नहीं किया था। इस कारण चुनाव के पहले ही टीएमसी भाजपा से मैच जीत चुकी थी।

सभी संगठन के लोग खुद को नेता समझते हैं

भाजपा में लगभग 60 शाखा संगठन हैं और सभी संगठन के लोग खुद को नेता समझते हैं। कोई कार्यकर्ता नहीं है। सभी की अपनी मांगें हैं। चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के नेताओं का दायित्व दिया गया था।

पार्टी में झगड़ा और मारपीट की खबर मिलती थी

हरियाणा के नेता को गाड़ी उपलब्ध कराई गई, दो दिन के बाद वे गंगासागर चले गए। उसी तरह से उत्तर प्रदेश के नेता ने कहा कि उनके बैग से एक लाख रुपये चोरी हो गए हैं। उन्हें 50 हजार रुपये की व्यवस्था करके देनी पड़ी। प्रत्येक दिन पार्टी में झगड़ा और मारपीट की खबर मिलती रहती थी।


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