बैलेट से मतदान कराने का सवाल ही नहीं उठता : सीईसी
-ममता के मतपत्र से चुनाव वाले मांग को सुनील अरोड़ा ने किया खारिज -बंगाल में फिलहाल एनआरसी लागू
-ममता के मतपत्र से चुनाव वाले मांग को सुनील अरोड़ा ने किया खारिज
-बंगाल में फिलहाल एनआरसी लागू होने की नहीं है कोई योजना
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: एक तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी मशीन नहीं बैलेट चाहिए का नारा दे रही हैं। बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर रही हैं। उसी राज्य में खड़े होकर देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने शुक्रवार को साफ कर दिया कि अब बैलेट पेपर से चुनाव कराने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की जगह बैलेट पेपर से मतदान कराने की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की माग को खारिज करते हुए कहा कि पुरानी प्रणाली पर लौटने का कोई सवाल नहीं उठता। अरोड़ा ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने मतपत्रों से मतदान फिर शुरू करने के खिलाफ कई बार फैसले दिए हैं। उन्होंने यहा नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद संवाददाताओं से कहा, 'हम मतपत्रों के युग में वापस नहीं जाने वाले। उच्चतम न्यायालय कई बार कह चुका है कि मतपत्र अतीत की बात है।'
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जम्मू-कश्मीर में चुनाव पर संदेश का है इंतजार
जम्मू कश्मीर में चुनाव की संभावनाओं पर अरोड़ा ने कहा कि गृह और विधि मंत्रालयों से औपचारिक संदेश का इंतजार है।
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बंगाल में अभी एनआरसी लागू होने की कोई संभावना नहीं
वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(एनआरसी) लागू किए जाने के अटकलों को लेकर मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि पश्चिम बंगाल में अभी एनआरसी लागू होने की कोई संभावना नहीं है।
सुनील अरोड़ा और उपचुनाव आयुक्त संदीप जैन दो दिवसीय यात्रा पर कोलकाता पहुंचे। उन्होंने कहा कि असम में एनआरसी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने समय निर्धारित कर दिया है लेकिन अभी तक पश्चिम बंगाल के लिए कोई फैसला नहीं आया है। इसीलिए इस मुद्दे पर भविष्यवाणी करने का कोई औचित्य नहीं है। हालाकि, केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की ओर से कई बार कहा गया है कि बंगाल में भी एनआरसी लागू किए जाएंगे।
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