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West Bengal: राज्यपाल को नहीं मिला हेलिकॉप्टर, ममता सरकार पर उठाई उंगली

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने 600 किलोमीटर की यात्रा सड़क मार्ग से पूरी की ममता सरकार से की थी हेलीकॉप्‍टर की मांग।

By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 11:25 AM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 11:27 AM (IST)
West Bengal: राज्यपाल को नहीं मिला हेलिकॉप्टर, ममता सरकार पर उठाई उंगली
West Bengal: राज्यपाल को नहीं मिला हेलिकॉप्टर, ममता सरकार पर उठाई उंगली

कोलकाता, एएनआइ। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कोलकाता से मुर्शिदाबाद तक पहुंचने के लिए ममता बनर्जी सरकार से हेलिकॉप्टर की मांग की थी लेकिन सरकार ने हेलिकॉप्टर देने से इंकार कर दिया। ऐसे में राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कोलकाता से मुर्शिदाबाद तक आने-जाने की करीब 600 किलोमीटर की यात्रा सड़क मार्ग से पूरी की, राजभवन की ओर से जारी एक बयान में ये जानकारी दी गयी है। राज्यपाल को प्रोफेसर सैयद नुरुल हसन कॉलेज के रजत जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था। 

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मिली जानकारी के अनुसार हेलीकॉप्टर के इस्तेमाल के लिए एक अनुरोध पत्र राज्य सरकार के समक्ष रखा गया था लेकिन अनुरोध पर कोई विचार नहीं किया गया। बयान में कहा गया है राज्यपाल धनखड़ अपनी पत्नी के साथ सड़क मार्ग से यात्रा करेंगे। राज्यपाल धनखड़ को एक ही दिन में लगभग 600 किलोमीटर की यात्रा सड़क मार्ग से द्ववारा करनी होगी।

ममता सरकार ने बताई ये वजह

जूनियर हेल्थ मिनिस्टर चंद्रिमा भट्टाचार्य ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उस समय चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण कर रही थीं, हालात को देखते हुए ये जरूरी भी था। चंद्रिमा का कहना है कि राज्यपाल एक राजनीतिक व्यक्ति की तरह व्यवहार कर रहे हैं, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है लगता है इसके पीछे कुछ और ही वजह है।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच तनातनी

राज्यपाल के अनुरोध को खारिज करने के पीछे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच तनातनी को वजह माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि राज्यपाल की क्षेत्र में हो रही बैठकों और दौरे के कारण मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुश नहीं हैं।  

गौरतलब है कि धनखड़ ने बीते सोमवार को सिगुर का दौरा किया था, ये वहीं जगह है जहां पर  सीएम ममता बनर्जी ने 2008 में नैनो कार प्रोजेक्ट को वापस लेने के लिए टाटा मोटर्स को मजबूर करने के लिए अपना आंदोलन शुरू किया था। धनखड़ को कुछ क्लर्कों से मिलने के बाद वापस कोलकाता लौटना पड़ा था, क्योंकि उस समय वहां खंड विकास कार्यालय का कोई अधिकारी उपस्थित नहीं था। तृणमूल ने राज्यपाल के इस क्षेत्रीय दौरे का विरोध किया था। 

राज्यपाल धनखड़ के कुछ स्थानों पर दौरे से राजनीतिक प्रतिक्रियाएं बढ़ गर्ई हैं, सिंगुर दौरे को लेकर राज्य सरकार ने कहा था कि अगर मेरे दौरे से हलचल बढ़ सकती है तो मैं सिंगुर और नंदीग्राम में लंबा समय बिताना चाहता हूं, एक राज्यपाल के रूप में मेरे लिए ये सब कुछ जानना बेहद जरूरी है। अक्सर ये देखा गया है कि हम जो देखना चाहते हैं लोग उसे छिपाने की कोशिश करते हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी कि कुछ लोग अपने कार्यक्षेत्र से आगे निकलने का प्रयास कर रहे हैं उन्हें केंद्र सरकार की जगह नहीं लेनी चाहिए। 


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