एनआइए की अदालत ने जाली मुद्रा मामले में बंगाल के तीन लोगों को पांच-पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की विशेष अदालत ने जाली भारतीय मुद्रा (एफआइसीएन) की तस्करी के मामले में शनिवार को बंगाल में तीन लोगों को पांच-पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। मालदा के रहने वाले शेख जाकिर बापी घोष और मोहम्मद जमिउल को सश्रम कारावास की सजा हुई।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की विशेष अदालत ने जाली भारतीय मुद्रा (एफआइसीएन) की तस्करी के मामले में शनिवार को बंगाल में तीन लोगों को पांच-पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
एनआइए के प्रवक्ता ने बताया कि मालदा के रहने वाले शेख जाकिर, बापी घोष और मोहम्मद जमिउल को पांच-पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनाने के साथ 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। इन्हें आइपीसी की धारा 120 बी, 489 बी, 489 सी के तहत दोषी ठहराया गया है। मुर्शिदाबाद जिले के फरक्का पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र के तहत एनएच -34 रोड के बगल में बल्लालपुर बेली ब्रिज मोड़ पर बंगाल पुलिस ने आरोपित शेख जाकिर, बापी घोष और मोहम्मद जमिउल के कब्जे से 500 रुपये व 2,000 रुपये के मूल्यवर्ग में 7,00,000 रुपये बरामद किए थे। 11 अप्रैल, 2019 को फरक्का पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। बाद में नौ मई, 2019 को एनआइए ने जांच अपने हाथ में ले ली। जांच के बाद नौ जुलाई, 2019 को दो आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया और 13 दिसंबर को एक आरोपित के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया गया।
आमतौर पर जाली नोटों की तस्करी सबसे अधिक बांग्लादेश की सीमा से सटे बंगाल के मालदा जिले से होती है। हालांकि 2016 में नोटबंदी के बाद जाली नोटों की तस्करी पर काफी हद तक अंकुश लग चुकी है। पर अब भी कुछ गिरोह हैं जो जाली नोटों के धंधे कर रहे हैं। पिछले कुछ माह में एसटीएफ ने जाली नोटों की तस्करी से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार किया है। पर, इस तस्करी पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पा रही है। बता दें कि कुछ माह पहले कोलकाता पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था और उनके पास से चार लाख रुपये मूल्य की जाली भारतीय मुद्रा जब्त की गई थी।