Move to Jagran APP

स्ट्रीट लाइट की रोशनी को नियंत्रित करने के लिए नई तकनीक विकसित

New technology developed to control street light वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक विकसित की है जिससे स्ट्रीट लाइट की रोशनी को नियंत्रित किया जा सकेगा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 03:29 PM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 03:29 PM (IST)
स्ट्रीट लाइट की रोशनी को नियंत्रित करने के लिए नई तकनीक विकसित
स्ट्रीट लाइट की रोशनी को नियंत्रित करने के लिए नई तकनीक विकसित

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के दुर्गापुर स्थित सीएसआइआर-सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमइआरआइ) के वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक विकसित की है जिससे स्ट्रीट लाइट की रोशनी को नियंत्रित किया जा सकेगा। इससे स्ट्रीट लाइटों में होने वाले बेवजह ऊर्जा की खपत को रोकने के साथ 60 फीसद तक ऊर्जा की बचत होगी।

loksabha election banner

संस्थान की ओर से मंगलवार को जारी एक बयान में बताया गया कि इस नई तकनीक का नाम 'स्मार्ट डिमेबल एलईडी स्ट्रीट लाइटिंग प्रौद्योगिकी' है। सीएसआइआर- सीएमइआरआइ के निदेशक प्रोफेसर हरीश हिरानी ने कहा कि इस प्रौद्योगिकी की प्रमुख विशेषता यह है कि जब कोई पैदल यात्री, साइकिल या वाहन सड़क से गुजरेगी या मौजूद रहेगी तो स्वचालित रूप से स्ट्रीट लाइट की रोशनी को यह बढ़ाएगा।

वहीं, यात्री या वाहनों के गुजरने के बाद स्ट्रीट लाइट की रोशनी पूर्वनिर्धारित अवस्था में वापस लौट जाएगी। इससे ऊर्जा की काफी बचत होगी। यह प्रौद्योगिकी उन्नत गतिवाले सेंसरों के संयोजन में काम करता है। यानी जैसे ही स्ट्रीट लाइट युक्त सड़क से कोई यात्री या वाहन गुजरेगा तो यह तकनीक रोशनी की चमक को धीरे-धीरे बढ़ाएगा है ताकि पैदल चलनेवालों या साइकिल या कारों को पहले से पर्याप्त रोशनी मिल सके। इसके अलावा इसकी खासियत है कि यह स्वचालित रूप से शाम होते ही स्ट्रीट लाइट चालू करता है और सुबह में अपने आप बंद हो जाता है।

प्रोफेसर हिरानी ने बताया कि इस तकनीक को पहले ही सीएसआइआर-सीएमइआरआइ की आवासीय कॉलोनी में 50 एलईडी आधारित स्ट्रीट लाइटों को ऊर्जा कुशल स्मार्ट लाइट में परिवर्तित करके पायलट आधार पर प्रयोग किया गया। परीक्षण में देखा गया है कि पारंपरिक एलईडी आधारित स्ट्रीट लाइट की तुलना में इससे 60 फीसद तक ऊर्जा की बचत संभव है।

प्रोफेसर हिरानी ने बताया कि इस तकनीक में दोषपूर्ण स्ट्रीट लाइटों को स्वचालित रूप से पहचानने और रखरखाव के काम से जुड़े इंजीनियर को एसएमएस के माध्यम से अलर्ट करने की भी सुविधा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.