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बीएसएफ ने बांग्लादेश सीमा से दुर्लभ प्रजाति के चार मकाऊ तोते को तस्करी से बचाया

दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने बंगाल के नदिया जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास तस्करी के प्रयासों को नाकाम करते हुए दुर्लभ प्रजाति के चार विदेशी मकाऊ तोते को तस्करों के चंगुल से बचाया है।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Tue, 11 Jan 2022 05:19 PM (IST)Updated: Tue, 11 Jan 2022 05:19 PM (IST)
बीएसएफ ने बांग्लादेश सीमा से दुर्लभ प्रजाति के चार मकाऊ तोते को तस्करी से बचाया
इस दौरान गशती दल ने सुबह लगभग 3:20 बजे बांग्लादेश की तरफ से कुछ संदिग्ध व्यक्तियों की हरकत देखी।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने बंगाल के नदिया जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास तस्करी के प्रयासों को नाकाम करते हुए दुर्लभ प्रजाति के चार विदेशी मकाऊ तोते को तस्करों के चंगुल से बचाया है। बीएसएफ की ओर से एक बयान में बताया गया कि इन पक्षियों को रविवार तड़के उस वक्त तस्करी से बचाया गया जब तस्करों द्वारा बल की 82वीं वाहिनी की सीमा चौकी हृदयपुर क्षेत्र से होकर बंगलादेश से भारत में तस्करी की कोशिश की जा रही थी।

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बीएसएफ अधिकारियों का कहना है कि अपनी रंग बिरंगी पंखों व मनमोहक स्वरूप के लिए प्रसिद्ध दुर्लभ प्रजाति का मकाऊ तोता मुख्यत: मध्य व दक्षिण अमेरिकी देशों में पाए जाते हैं।‌ बयान के मुताबिक, एक खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए सीमा चौकी हृदयपुर के जवानों ने संदिग्ध इलाके में तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान गशती दल ने सुबह लगभग 3:20 बजे बांग्लादेश की तरफ से कुछ संदिग्ध व्यक्तियों की हरकत देखी। जवानों ने जब उन्हें रूकने की चुनौती दी तो इसका कोई असर नहीं हुआ। इसके बाद तस्करों को रोकने के लिए जवानों ने स्टेन ग्रेनेड चलाया, जिसकी आवाज सुनकर तस्कर घने जंगल व अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले।

इलाके की तलाशी के दौरान जवानों को मौके से दो पिंजरे मिले, जिसके अंदर से दो हरे एवं दो नीले रंग का (कुल चार) मकाऊ तोते बरामद किए गए। बीएसएफ ने आगे की कार्रवाई के लिए इन दुर्लभ तोते को वन विभाग कृष्णानगर को सौंप दिया है। बता दें कि इससे पहले पिछले साल 27 अक्टूबर को हृदयपुर सीमा चौकी इलाके से ही 82वीं वाहिनी के जवानों ने दुर्लभ प्रजाति के नौ गोल्डन ब्लू मकाऊ पक्षियों को भी तस्करी से बचाया था। बांग्लादेश से रात के अंधेरे में इसकी तस्करी की कोशिश की जा रही थी।

बीएसएफ अधिकारी ने जवानों की थपथपाई पीठ

इधर, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जनसंपर्क अधिकारी ने अपने जवानों की उपलब्धियों पर खुशी व्यक्त करते हुए उनकी पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि यह केवल जवानों की सतर्क ड्यूटी के कारण ही संभव हो सका है। उन्होंने बताया कि बीएसएफ सीमा पार अपराधों व वन्यजीव पक्षियों समेत सभी प्रकार की तस्करी को पूरी तरह रोकने के लिए के लिए कड़े कदम उठा रही है।उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि वे किसी भी सूरत में अपने इलाके से तस्करी नहीं होने देंगे।


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