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चरस सप्लाई करने वाले गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार

तीनों को सियालदह स्टेशन के पास स्थित बिग बाजार के पास से गिरफ्तार किया गया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 11 Dec 2017 01:09 PM (IST)Updated: Mon, 11 Dec 2017 06:36 PM (IST)
चरस सप्लाई करने वाले गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार
चरस सप्लाई करने वाले गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार

कोलकाता, जागरण संवाददाता। क्रिसमस और न्यू-इयर पार्टियों में चरस सप्लाई करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने गिरफ्तार किया है। गुप्त सूचना के आधार पर रविवार देर शाम इन तीनों को सियालदह स्टेशन के पास स्थित बिग बाजार के पास से गिरफ्तार किया गया है। इनके नाम हेनरी लॉरेंस मन्ना, रॉबर्ट डिक्शन और डीजे निखिल लाखवानी है।

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इनमें से निखिल पार्क स्ट्रीट इलाके के नाइट क्लबों में डीजी है। लॉरेंस बेनियापुकुर का जबकि रॉबर्ट बॉलीगंज का निवासी है। गिरफ्तारी के समय इनके पास से दो किलो चरस बरामद किया गया एवं पूछताछ के बाद रॉबर्ट के घर से और 450 ग्राम अतिरिक्त चरस बरामद की गई जिसकी बाजार कीमत 15 लाख रुपये है। एनसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर इन तीनों को गिरफ्तार किया गया है।

हिमाचल से खरीदी चरस
क्रिसमस और न्यू इयर के दौरान पार्क स्ट्रीट के नाइट क्लबों समेत महानगर के अन्य हिस्सों में आयोजित होने वाली पार्टियों में ये लोग इस चरस की सप्लाई करना वाले थे। इनसे पूछताछ में पता चला है कि हिमाचल प्रदेश के कुल्लु से इन लोगों ने चरस खरीदी थी।

ट्रेन से ही पीछा कर रही थी टीम
-एनसीबी के अधिकारी ने बताया कि चरस को लेकर लॉरेस जब हिमाचल से चला था तभी से एनसीबी की टीम उसके पीछे लग गई थी। सियालदह स्टेशन पर उतरने के बाद टीम ने उसका पीछा किया और बिग बाजार के पास उसने जैसे ही रॉबर्ट को चरस से भरा बैग दिया, दोनों को धर दबोचा गया। इनसे पूछताछ के बाद डीजे निखिल के बारे में जानकारी मिली और पार्क स्ट्रीट इलाके से उसे भी गिरफ्तार किया गया। पता चला है कि 6-7 महीने से ये लोग लगातार एक साथ मिलकर काम करते रहे हैं।

डीजे निखिल था बिचौलिया
इनमें से रॉबर्ट और लारेंस चरस लाते थे तथा डीजे निखिल इनके व खरीदने वाले लोगों के बीच बिचौलिया का काम करता था। दरअसल पार्क स्ट्रीट इलाके के नाइट क्लबों में वह डीजे है। इन क्लबों में आने वाले लोगों में से चरस की तलाश में लगे लोगों को वह टार्गेट करता था तथा उन लोगों को रॉबर्ट से मिलवा देता था। पुलिस का प्राथमिक अनुमान है कि इन लोगों के तार मादक तस्करी के अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़े हैं। इन तीनों से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कोलकाता के किन-किन लोगों को ये चरस आदि बेचा करते थे।

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