नारद स्टिंग आपरेशन मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत से कोलकाता के मेयर सहित चार आरोपितों को मिली जमानत
सैमुएल एक कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर तृणमूल कांग्रेस के सात सांसदों तीन मंत्रियों और तत्कालीन कोलकाता नगर निगम के मेयर सोवन चटर्जी को काम कराने के बदले में मोटी रकम देते नजर आ रहे थे। इस स्टिंग के बाद विपक्षियों ने ममता सरकार को घेरा था।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सीबीआइ की विशेष अदालत ने नारद स्टिंग आपरेशन मामले में कोलकाता के मेयर व मंत्री फिरहाद हकीम, टीएमसी विधायक मदन मित्रा, पूर्व मंत्री सोवन चटर्जी तथा पूर्व आइपीएस अधिकारी एसएम मिर्जा को जमानत दे दी है। मामले की सुनवाई के लिए शहर की सत्र अदालत बैंकशाल कोर्ट में राज्य के तीनों प्रमुख नेता पेश हुए थे। इससे पहले सीबीआइ ने नारद स्टिंग मामले में इन नेताओं को गिरफ्तार भी किया था। लेकिन उन्हें पिछले साल मई में कलकत्ता उच्च न्यायालय से सशर्त अंतरिम जमानत मिल गई थी।
बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नारद मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी के नाम शामिल थे। हालांकि बाद में सुब्रत मुखर्जी का निधन हो गया। अब इन नेताओं को जमानत मिल गई है। 16 मार्च को चारों आरोपितों को जमानत की प्रतिलिपि हस्तांतरित की जाएगी। गौरतलब है कि नारद स्टिंग मामला 2016 का है। 2016 के बंगाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नारद न्यूज पोर्टल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मैथ्यू सैमुएल ने एक स्टिंग वीडियो जारी किया था।
इसमें सैमुएल एक कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर तृणमूल कांग्रेस के सात सांसदों, तीन मंत्रियों और तत्कालीन कोलकाता नगर निगम के मेयर सोवन चटर्जी को काम कराने के बदले में मोटी रकम देते नजर आ रहे थे। इस स्टिंग के बाद विपक्षियों ने ममता सरकार को घेरा था। साल 2017 में कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले की सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा था।