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कोलकाता में हिंदुओं के साथ मिलकर मुस्लिम युवाओं ने 30 लाख की लागत से शिव मंदिर का कराया जीर्णोद्धार

उत्तर कोलकाता के ताला पार्क के पास कुछ युवाओं ने एक सदी पुराने शिव मंदिर के जीर्णोद्धार करने के लिए अपनी धार्मिक मान्यताओं को किनारे कर दिया। आफताब खान फिरोज खान और अमृत लिंबू ने अपना पूरा समय और मेहनत लगा दी ताकि मंदिर का पुनर्निर्माण हो सके।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Wed, 06 Jul 2022 06:25 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jul 2022 06:25 PM (IST)
कोलकाता में हिंदुओं के साथ मिलकर मुस्लिम युवाओं ने 30 लाख की लागत से शिव मंदिर का कराया जीर्णोद्धार
मंदिर में मध्य प्रदेश से लाए गए शिवलिंग का बुधवार को हुआ प्राण प्रतिष्ठा। जागरण फोटो।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। पूरे देश में जहां धर्म के नाम पर गले काटे जा रहे हैं वहीं बंगाल की राजधानी कोलकाता में दोनों धर्मों के बीच प्रेम और सौहार्द देखने को मिला। उत्तर कोलकाता के ताला पार्क के पास ओलाचंडी रोड इलाके में कुछ युवाओं ने एक सदी पुराने शिव मंदिर के जीर्णोद्धार करने के लिए अपनी धार्मिक मान्यताओं को किनारे कर दिया। आफताब खान, फिरोज खान और अमृत लिंबू ने पिछले छह महीनों से अपना पूरा समय और मेहनत लगा दी ताकि मंदिर का पुनर्निर्माण हो सके। उन्होंने इंद्र बिस्वास रोड के किनारे स्थित शिव मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए अपने दोस्त विनय पाठक के साथ मिलकर धन भी जुटाया। अपने वेतन का एक हिस्सा हर महीने मंदिर निर्माण के लिए भी दिया। बुधवार को पुनर्निर्मित मंदिर में नए शिवलिंग का प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया गया।

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मंदिर पूरी तरह से जीर्ण अवस्था में था। इस मंदिर में स्थानीय लोगों को बड़ी आस्था है। कई लोग मंदिर आते थे लेकिन उसकी जर्जर अवस्था देखकर इन स्थानीय युवाओं ने मंदिर के जीर्णोद्धार के बारे में सोचा। जीर्णोद्धार में भारी लागत को देखते हुए वह ऐसा नहीं कर सके।

अपने वेतन का हिस्सा भी मंदिर में लगाया

आफताब और फिरोज ने कहा कि मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए लगभग 30 लाख रुपये की जरूरत थी और इतनी राशि की व्यवस्था केवल चंदा लेकर ही नहीं की जा सकती थी। लेकिन पिछले साल दिसंबर में इलाके के करीब 40 युवाओं ने मिलकर एक प्रयास शुरू किया। लिंबू और विनय ने कहा कि हमने पड़ोस के हर घर से संपर्क करना शुरू कर दिया और सभी ने जितना हो सके उतना दान दिया। पिछले छह महीनों से, आफताब सहित हमारे कई दोस्त, अपने वेतन का एक बड़ा हिस्सा मंदिर कोष में दान कर रहे थे। फिर भी पैसे की कमी थी। फिरोज ने बताया कि उन लोगों ने शुरू में मानसून से पहले पुनर्निर्माण कार्य पूरा करने का फैसला किया था, लेकिन धन की व्यवस्था करना और निर्माण कार्य की निगरानी करना बड़ा काम था। मंदिर को पूरी तरह से नया बना है। यहां मध्य प्रदेश से एक नया शिवलिंग लाकर स्थापित किया गया है। इंद्र बिस्वास रोड निवासी डी चटर्जी ने कहा कि हम दशकों से मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे हैं। जब युवाओं ने मुझसे दान के लिए संपर्क किया, तो मुझे उनकी मदद करने में खुशी हुई।


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