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बंगाल उच्च न्यायालय में नगर निगमों की चुनावी लड़ाई, क्या होगी कोई ठोस पहल?

114 में से केवल दो नगर निगमों में ही चुनाव कराने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायाधीश इंद्र प्रसन्न मुखर्जी की पीठ में याचिका पर सुनवाई शुरू हुई है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 10 Nov 2021 02:06 PM (IST)Updated: Wed, 10 Nov 2021 02:06 PM (IST)
बंगाल उच्च न्यायालय में नगर निगमों की चुनावी लड़ाई, क्या होगी कोई ठोस पहल?
बंगाल उच्च न्यायालय पहुंची नगर निगमों की चुनावी लड़ाई।(फोटो: फाइल)

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में इस समय 114 नगर निगम और पालिकाएं हैं जिनमें वर्षो से चुनाव नहीं हुए हैं। इनमें से कुछ तो ऐसे निकाय हैं जिसके निर्वाचित बोर्ड की मियाद खत्म हुए दो वर्ष से भी अधिक वक्त बीत चुका है। पर वहां चुनाव नहीं हो रहे हैं। बहुत सवाल उठने के बाद ममता सरकार फिलहाल कोलकाता नगर निगम (केएमसी) और हावड़ा नगर निगम चुनाव (एचएमसी) में चुनाव कराने को तैयार हुई है। अब इसी लेकर चुनावी लड़ाई हाई कोर्ट पहुंच गई है। 114 में से केवल दो नगर निगमों में ही चुनाव कराने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायाधीश इंद्र प्रसन्न मुखर्जी की पीठ में याचिका पर सुनवाई शुरू हुई है। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने मामले में राज्य सरकार के साथ-साथ राज्य चुनाव आयोग को भी पक्षकार बनाने का निर्देश दिया है। यही नहीं भाजपा की बंगाल इकाई ने भी चेतावनी दी है कि यदि राज्य के सभी नगर निकायों में एक साथ चुनाव की घोषणा नहीं की गई तो वे लोग भी हाई कोर्ट जाएंगे।

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इससे साफ हो गया है कि चुनावी लड़ाई हाई कोर्ट में लड़ी जाएगी। अब देखने वाली बात होगी कि कोर्ट में कौन जीतता है, ममता सरकार या फिर विपक्ष? याचिकाकर्ता की ओर से पीठ से कहा गया है कि 2018 के पहले से ही राज्य के कई नगर निकायों में चुनाव बाकी है। बावजूद इसके चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं। लगातार चुनाव को टाला जाता रहा है। राज्य सरकार ने पहले कहा था कि विधानसभा चुनाव संपन्न हो जाने के बाद सभी नगर निकायों के चुनाव कराए जाएंगे। चुनाव संपन्न हुए भी करीब सात माह बीत चुके हैं, लेकिन राज्य सरकार ने अब तक चुनाव संबंधी कोई ठोस पहल नहीं की है।

जनहित याचिका में मांग की गई है कि इस संबंध में तत्काल हस्तक्षेप करे और केएमसी और एचएमसी के साथ अन्य सभी नगर निकायों में चुनाव कराए जाएं। इस मामले पर अब सुनवाई आगामी 17 नवंबर होनी है। परंतु सोमवार को ही बंगाल भाजपा अध्यक्ष ने साफ कहा है कि यदि सिर्फ कोलकाता व हावड़ा नगर निगम के लिए ही चुनाव हुए तो वे लोग भी हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। क्योंकि राज्य सरकार ने राज्य चुनाव आयोग को कहा है कि केएमसी व एचएमसी में 19 दिसंबर को मतदान कराने को तैयार है। उसी अनुसार आयोग भी तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा का कहना है कि मियाद खत्म हो जाने के बाद से सत्तारूढ़ दल पिछले दरवाजे से सभी नगर निकायों पर प्रशासक के रूप में सत्तारूढ़ है। इसीलिए वे चुनाव लगातार टालते रहे हैं।


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