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Bengal Politics: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दिल्ली सफर के दौरान मुकुल राय भी रहेंगे साथ

मुकुल ममता के साथ दिल्ली जाएंगे या अलग से यह अभी स्पष्ट नहीं है हालांकि ममता-मुकुल के एक साथ दिल्ली में होने को राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भाजपा दलबदल विरोधी कानून के तहत मुकुल की विधानसभा सदस्यता रद कराने को आंदोलनरत है।

By Priti JhaEdited By: Published: Sun, 18 Jul 2021 01:30 PM (IST)Updated: Sun, 18 Jul 2021 01:30 PM (IST)
Bengal Politics: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दिल्ली सफर के दौरान मुकुल राय भी रहेंगे साथ
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दिल्ली सफर के दौरान मुकुल राय भी रहेंगे साथ

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दिल्ली सफर के दौरान मुकुल राय भी राजधानी जाएंगे। मुकुल हाल में भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में लौटे हैं। अपनी पुरानी पार्टी में वापसी के बाद उनका यह पहला दिल्ली दौरा होगा। वे आधिकारिक तौर पर अभी भी भाजपा के ही विधायक हैं। भाजपा दलबदल विरोधी कानून के तहत मुकुल की विधानसभा सदस्यता रद कराने को आंदोलनरत है।

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मुकुल ममता के साथ दिल्ली जाएंगे या अलग से, यह अभी स्पष्ट नहीं है, हालांकि ममता-मुकुल के एक साथ दिल्ली में होने को राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। तृणमूल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ममता मुकुल को अपने साथ दिल्ली ले जाना चाहती हैं जबकि पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि ममता के दिल्ली रवाना होने से पहले ही मुकुल वहां पहुंच जाएंगे।

तृणमूल के महासचिव अभिषेक बनर्जी 21 जुलाई की रात दिल्ली जा रहे हैं। उसके अगले हफ्ते मुख्यमंत्री दिल्ली जा रही हैं यानी मानसून सत्र के समय तृणमूल का शीर्ष नेतृत्व राजधानी में मौजूद रहेगा। सूत्रों ने बताया कि तृणमूल भाजपा विरोधी सभी दलों को एकजुट करने में जुटी हुई है। इसमें मुकुल की भी अहम भूमिका होगी। वे दिल्ली में भाजपा विरोधी विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बातचीत कर सकते हैं। पार्टी प्रवक्ता डेरेक ओ'ब्रायन ने इस बाबत पिछले दिनों अकाली दल के राज्यसभा सदस्य नरेश गुजराल से मुलाकात की थी।

तृणमूल के पक्ष में एक बात यह है कि उसकी कांग्रेस व वामदलों को छोड़कर किसी भी अन्य भाजपा विरोधी दल के साथ प्रतिद्वंद्विता नहीं है। दूसरी तरफ हालिया संपन्न बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त देने के बाद भाजपा विरोधी दलों की भी तृणमूल पर नजर है। ऐसे में तृणमूल संसद में भाजपा विरोधी दलों की अगुआई कर सकती है। तृणमूल संसद के मानसून सत्र में महिला आरक्षण बिल लाने की मांग को जोरदार तरीके से उठाने की तैयारी कर रही है। 


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