Move to Jagran APP

PM Modi In Kolkata: 56 वर्ष बाद 23 जनवरी को कोलकाता पहुंचने वाले दूसरे पीएम बने मोदी

PM Modi In Kolkata नेताजी के परपोते चंद्र ने कहा कि हमने मोदी को चिट्ठी लिखी थी कि 23 जनवरी को कोलकाता आएं। 1965 में शास्त्री कोलकाता आए थे। उनके बाद से कोई पीएम 23 जनवरी को कोलकाता नहीं आए। खुशी की बात है कि पीएम ने अनुरोध स्वीकार किया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 03:54 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 06:03 PM (IST)
PM Modi In Kolkata: 56 वर्ष बाद 23 जनवरी को कोलकाता पहुंचने वाले दूसरे पीएम बने मोदी
56 वर्ष बाद 23 जनवरी को कोलकाता पहुंचने वाले दूसरे पीएम बने मोदी। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। PM Modi In Kolkata: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बंगाल की राजधानी कोलकाता भारत में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के 125वें जन्मदिवस के अवसर पर 'पराक्रम दिवस' पर्व को संबोधित किया। इस तरह 56 वर्ष बाद 23 जनवरी को कोलकाता पहुंचने वाले मोदी दूसरे पीएम बने। सुभाष चंद्र बोस के परपोते चंद्र कुमार बोस ने कहा कि हमने मोदी जी को चिट्ठी लिखी थी कि आप 23 जनवरी को कोलकाता आएं। बहुत खुशी की बात है कि पीएम ने यह अनुरोध स्वीकार किया। चंद्र बोस ने कहा कि देश भर में पराक्रम दिवस के रूप में नेताजी की 125 वीं जयंती मनाने का केंद्र द्वारा लिया गया एक बहुत ही अच्छा निर्णय है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में कई लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी, लेकिन अंतिम लड़ाई आजाद हिंद फौज ने लड़ी थी। नेताजी के परपोते ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री दिसंबर 1965 को बंगाल आए थे। 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्होंने 1965 में रेड रोड में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया था। उसके बाद से आज तक कोई भी पीएम यहां नहीं आया। अब पीएम मोदी आए हैं इसलिए उन लोगों को बहुत खुशी है।

loksabha election banner

सुभाष चंद्र बोस की बेटी ने दिया धन्यवाद

सुभाष चंद्र बोस की बेटी डॉ. अनीता बोस ने कहा कि 124 साल पहले, भारत के सबसे प्रसिद्ध पुत्रों में से एक, मेरे पिता नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म कटक में हुआ था। केंद्र और राज्य सरकार ने उनके जन्म के बाद 125 वें वर्ष में उन्हें सम्मानित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। डॉ. अनीता ने कहा कि उनके पिता सुभाष चंद्र बोस ने एक ऐसे देश की कल्पना की थी जो आधुनिक, प्रबुद्ध, इतिहास की गहराईयों वाला, धार्मिक मान्यताओं वाला और दार्शनिक हो। उन्होंने कहा था कि स्वतंत्रता के बाद चुनौतियां होंगी और ऐसी चुनौतियों का सामना करने वालों में वह भी शामिल होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.