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ममता बनर्जी के लिए अपनी सीट छोड़ने को तैयार हैं कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी की पत्नी विधायक रत्ना चटर्जी

ममता बनर्जी की जीत के बाद दोनों ने मुख्यमंत्री की सराहना की थी। इसके बाद जब सोवन से पूछा गया कि क्या वह तृणमूल में लौट रहे हैं उनकी पत्नी रत्ना जिनके साथ वो तलाक का केस लड़ रहे हैं तृणमूल में रहेंगी तब तक वह नहीं लौटेंगे।

By Priti JhaEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 01:02 PM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 01:22 PM (IST)
ममता बनर्जी के लिए अपनी सीट छोड़ने को तैयार हैं कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी की पत्नी विधायक रत्ना चटर्जी
नंदीग्राम में शिकस्त के बावजूद ममता बनर्जी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली हैं।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। नंदीग्राम में शिकस्त के बावजूद ममता बनर्जी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली हैं। अब संवैधानिक नियमों के मुताबिक उन्हें अगले छह महीने के अंदर किसी न किसी विधानसभा सीट पर जीत दर्ज करनी होगी। ऐसे में पार्टी के कौन से विधायक मुख्यमंत्री के लिए अपनी सीट खाली करेंगे, इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। इस पर कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी की पत्नी रत्ना सामने आई हैं।

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बेहला पूर्व से इस बार विधायक के तौर पर चुनी गई रत्ना ने कहा है कि अगर दीदी कहें तो मैं खुशी-खुशी अपना सीट छोड़ने के लिए तैयार हूं। दरअसल रत्ना के पति सोवन भाजपा में चले गए थे लेकिन जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होंने अपनी महिला मित्र बैसाखी बनर्जी के साथ पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। अब जबकि चुनाव में ममता बनर्जी की जीत हुई है तब कयास लगाए जा रहे थे कि सोवन और बैसाखी दोनों तृणमूल में लौट सकते हैं। इसकी वजह है कि ममता बनर्जी की जीत के बाद दोनों ने मुख्यमंत्री की सराहना की थी। इसके बाद जब सोवन से पूछा गया कि क्या वह तृणमूल में लौट रहे हैं, तब उन्होंने कहा था कि जब तक उनकी पत्नी रत्ना, जिनके साथ वो तलाक का केस लड़ रहे हैं, तृणमूल में रहेंगी तब तक वह नहीं लौटेंगे। इसी बारे में शनिवार को सामने आकर रत्ना ने जवाब दिया है।

उन्होंने कहा है कि सोवन और बैसाखी के कहने पर पार्टी छोड़ने का सवाल नहीं उठता क्योंकि अब मैं विधायक के तौर पर जीत चुकी हूं और मुझे पार्टी से भगाया नहीं जा सकता। हां अगर दीदी कहेंगी तो खुशी-खुशी उनके लिए अपनी सीट छोड़ दूंगी।सोवन और बैसाखी के तृणमूल में वापसी की संभावना के बारे में सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में वह कुछ भी नहीं कहना चाहती हैं। यह पूरी तरह से सोवन-बैसाखी और पार्टी का मुद्दा है और वे आपस में समझेंगे, लेकिन मैं दीदी के कहने पर अपनी सीट छोड़ने को तैयार हूं। 


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