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बंगाल में कच्चे जूट की 'कृत्रिम कमी' से बंद हो रहीं मिलें, डेल्टा जूट मिल और टीटागढ़ जूट मिल के गेट पर ताला

बंगाल में कच्चे जूट की कृत्रिम कमी से मिले बंद हो रही हैं। अब तक डेल्टा जूट मिल और टीटागढ़ जूट मिल के गेट पर ताला लटक चुका है। दोनों जूट मिलों में करीब 6500 लोग काम करते थे।

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 09:14 PM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 09:14 PM (IST)
बंगाल में कच्चे जूट की 'कृत्रिम कमी' से बंद हो रहीं मिलें, डेल्टा जूट मिल और टीटागढ़ जूट मिल के गेट पर ताला
बाजार से बहुत ज्यादा मूल्य पर कच्चे जूट की खरीद करनी पड़ रही है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में कच्चे जूट की 'कृत्रिम कमी' से मिले बंद हो रही हैं। अब तक डेल्टा जूट मिल और टीटागढ़ जूट मिल के गेट पर ताला लटक चुका है। दोनों जूट मिलों में करीब 6,500 लोग काम करते थे। जूट मालिकों के संगठन इंडियन जूट मिल्स एसोसिएशन (आइजेएमए) ने कहा कि जूट आयुक्त के कार्यालय से कच्चे जूट का अधिकतम मूल्य प्रति कुंतल 6500 रुपये तय किया गया है लेकिन गैरकानूनी तरीके से कच्चे जूट की जमाखोरी होने से बाजार से बहुत ज्यादा मूल्य पर कच्चे जूट की खरीद करनी पड़ रही है।

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उप जूट आयुक्त कौशिक चक्रवर्ती ने बताया कि जमाखोरों ने किसानों से बड़ी तादाद में कच्चे जूट की खरीद कर उसे जमा करके रखा हुआ है। कुछ भ्रष्ट जूट मालिक भी उनसे मिले हुए हैं।जमाखोर कृत्रिम कमी पैदा कर कच्चे जूट की कीमत बढ़ाना चाहते हैं। आईजेएमए के चेयरमैन राघवेंद्र गुप्ता ने कहा कि 7200-7300 रुपये प्रति कुंतल की दर से कच्चा जूट खरीदना पड़ रहा है। जमकर कालाबाजारी चल रही है। अब तक दो जूट मिलें बंद हुई हैं।

यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में और भी मिलें बंद हो जाएंगी। वहीं बंगाल के श्रम मंत्री बेचाराम मन्ना ने कहा-' पिछले साल चक्रवात एम्फन की वजह से कच्चे जूट की खेती पर काफी असर पड़ा था, जिसके कारण कई मिले बंद हो गई थीं और हजारों लोग बेरोजगार हो गए थे। राज्य सरकार की मध्यस्थता से बड़ी मुश्किल से उन मिलों को खोला गया है। हम नहीं चाहते कि फिर से वही हालत हो।जमाखोरों के खिलाफ राज्य सरकार ने अभियान शुरू किया है। अब तक 798 टन कच्चा जूट जब्त किया गया और 13 मामले दर्ज किए गए हैं।


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