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चुनावी माहौल के बीच बंगाल में बसंत पंचमी पर चढ़ा सियासी रंग, सरस्वती पूजा मनाने की दिखी होड़

सियासत बंगाल में राम दुर्गा के बाद अब सरस्वती पर सियासत। तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच सरस्वती पूजा मनाने को लेकर दिखीं होड़। जय सियाराम का नारा खड़ा करने की कोशिश। पुरोहितों को एक हजार रुपये देने की व्यवस्था। धर्म युद्ध में तब्दील बंगाल की सियासी लड़ाई।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 16 Feb 2021 07:31 PM (IST)Updated: Tue, 16 Feb 2021 07:31 PM (IST)
चुनावी माहौल के बीच बंगाल में बसंत पंचमी पर चढ़ा सियासी रंग, सरस्वती पूजा मनाने की दिखी होड़
मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय का भाजपा पर पलटवार, कहा, तुष्टीकरण का झूठा आरोप लगा रही भाजपा

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में चुनावी माहौल के बीच मंगलवार को बसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजा पर भी सियासी रंग दिखा।सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच सरस्वती पूजा मनाने को लेकर होड़ दिखीं। एक ओर जहां तृणमूल कांग्रेस पूरे बंगाल में जोर-शोर से सरस्वती पूजा मनाने मैदान में उतर गईं, वहीं भाजपा भी इस दौड़ में पीछे नहीं दिखीं। दरअसल, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) द्वारा बड़े स्तर पर सरस्वती पूजा मनाने की कवायद ममता बनर्जी के नए सॉफ्ट हिंदुत्व का हिस्सा माना जा रहा है। जहां टीएमसी एक ओर तुष्टीकरण की छवि को बसंत पंचमी के रंग से धोने की कोशिश में है तो दूसरी ओर इसके जरिए जनसंपर्क बढ़ा रही है। यह भी गौर करने वाली बात है कि पिछले एक साल में ममता सरकार ने कई ऐसी योजनाएं और घोषणाएं की हैं जो साफ बताती हैं कि चुनाव से पहले ममता सॉफ्ट हिंदुत्व की छवि बनाने की कोशिश में जुटी हैं। 

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जय सियाराम का नारा खड़ा करने की कोशिश 

दरअसल, ममता बनर्जी को इस बात का अहसास है कि उनका अल्पसंख्यक वोट तो तय है, लेकिन आशंका हिंदू वोटर खिसकने की है। पिछले कुछ दिनों में ममता की राजनीति को अगर देखा जाए तो पहले उन्होंने जय श्रीराम के मुकाबले जय सियाराम का नारा खड़ा करने की कोशिश की। 

पुरोहितों को एक हजार रुपये देने की व्यवस्था

इसके बाद जय श्रीराम के मुकाबले देवी दुर्गा को खड़ा किया गया और अब जगह-जगह टीएमसी सरस्वती पूजा कर रही हैं। इससे पहले ममता ने दुर्गा पूजा में सभी दुर्गा पूजा कमेटियों को 50 हजार रुपये देने की घोषणा की थी। इसके बाद ममता ने पुरोहित भत्ता देने की घोषणा की, जिसमें आठ हजार पुरोहितों को एक हजार रुपये देने की व्यवस्था है। 

धर्म युद्ध में तब्दील बंगाल की सियासी लड़ाई

ऐसे में चुनाव के दरवाज़े खड़े बंगाल की सियासी लड़ाई अब धर्म युद्ध में तब्दील होती दिखाई दे रही है। इधर, हाल ही में टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी से लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष तक सभी लोग सरस्वती पूजा मना रहे हैं। 

टीएमसी पाप का प्रायश्चित कर रही : दिलीप घोष

दिलीप घोष का मानना है कि टीएमसी के पास अब कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वह धार्मिक बातें कर रही है। सरस्वती पूजा के बारे में दिलीप घोष कहते हैं कि टीएमसी के शासनकाल में दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा नहीं करने दी गई, इसीलिए अब चुनाव से पहले टीएमसी पाप का प्रायश्चित कर रही है। 

कहा, तुष्टीकरण का झूठा आरोप लगा रही भाजपा

वहीं टीएमसी सरकार में बिजली मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय खुद कोलकाता में टीएमसी के कार्यालय में सरस्वती पूजा करते नजर आए। उन्होंने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि ममता बनर्जी हर धर्म को मानती हैं, हर पूजा यहां होती है और भाजपा उन पर तुष्टीकरण का झूठा आरोप लगाती है।


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