Bengal Assembly Elections 2021: झारखंड कांग्रेस के कई नेताओं को मिली पश्चिम बंगाल चुनाव में अहम जिम्मेदारी
Bengal Assembly Elections 2021 झारखंड के जिन सीनियर नेताओं को पश्चिम बंगाल के विभिन्न इलाकों में लगाया गया है उनमें झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से लेकर विधायक तक शामिल हैं। इसके अलावा प्रदूषण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष मणिशंकर को बांकुड़ा की जिम्मेदारी दी गई है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Bengal Assembly Elections 2021: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड के कांग्रेस नेताओं को अहम जिम्मेदारी सौंपी है। इन नेताओं को संबंधित जिलों और इलाकों में प्रचार करने के साथ-साथ लगातार कैंप कर उम्मीदवारों के लिए माहौल भी तैयार करना है। जिन नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है वे सभी पश्चिम बंगाल से सटे जिलों में विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते हैं।
झारखंड के जिन सीनियर नेताओं को पश्चिम बंगाल के विभिन्न इलाकों में लगाया गया है उनमें झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से लेकर विधायक तक शामिल हैं। बन्ना गुप्ता को पुरुलिया में लगाया गया है। इसके अलावा प्रदूषण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष मणिशंकर को बांकुड़ा की जिम्मेदारी दी गई है। वीरभूम के विभिन्न इलाकों में दीपिका पांडेय सिंह को जिम्मेदारी दी गई है तो पश्चिम वर्द्धमान में अनूप सिंह सक्रिय रहेंगे। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इन तमाम नेताओं को पर्यवेक्षक मनोनीत करते हुए पूरे देश के 28 सीनियर नेताओं को विभिन्न इलाकों की जिम्मेदारी दी है।
पहले चरण के मतदान के लिए आज जारी होगी अधिसूचना
बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए [आज] दो मार्च को अधिसूचना जारी होगी। पहले चरण में राज्य के पांच जिलों की 30 विधानसभा सीटों के लिए वोट पड़ेंगे। पहले चरण में नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि नौ मार्च है और 10 मार्च तक नामांकन की स्क्रूटनी की जा सकेगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 12 मार्च है। इनमें पुरुलिया, पूर्व व पश्चिम मेदिनीपुर, झारग्राम और बांकुड़ा जिले शामिल हैं। पुरुलिया व झारग्राम की सभी विधानसभा सीटों के लिए मतदान होंगे जबकि पूर्व व पश्चिम मेदिनीपुर और बांकुड़ा की कुछ सीटों के लिए वोट पड़ेंगे। वहां की बाकी सीटों के लिए दूसरे चरण में मतदान होगा।
गौरतलब है कि बंगाल में इस बार आठ चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे। चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही बंगाल में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद बंगाल में नए सिरे से कोई विकासमूलक कार्य नहीं किया सकेगा हालांकि जो काम पहले से चल रहे हैं, वे जारी रहेंगे। जारी परियोजनाओं को लेकर किसी तरह की समस्या होने पर स्क्रीनिंग कमेटी उस पर निर्णय लेगी। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद राज्य सरकार क्या-क्या कर सकती है और क्या नहीं, इसे लेकर राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी आरिज आफताब की ओर से सभी जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश भेजा जा चुका है।