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West Bengal Politics : राज्य कमेटी के बाद अब बंगाल भाजपा की कार्यकारिणी को लेकर उभरी गुटबाजी, विवाद पर जताई गई नाराजगी

West Bengal Politics केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंची शिकायत विवाद थामने के लिए हो सकता है कि राज्य कमेटी की तरह इस कार्यकारिणी में कुछ और नए सदस्य किए जा सकते हैं शामिल।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 11 Sep 2020 08:57 PM (IST)Updated: Fri, 11 Sep 2020 08:57 PM (IST)
West Bengal Politics : राज्य कमेटी के बाद अब बंगाल भाजपा की कार्यकारिणी को लेकर उभरी गुटबाजी, विवाद पर जताई गई नाराजगी
West Bengal Politics : राज्य कमेटी के बाद अब बंगाल भाजपा की कार्यकारिणी को लेकर उभरी गुटबाजी, विवाद पर जताई गई नाराजगी

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल भाजपा इकाई में गुटबाजी थमती नहीं दिख रही। राज्य की नवगठित कार्यकारिणी में शामिल किए नेताओं को लेकर विवाद शुरू हो गया है। कार्यकारिणी में कई नेताओं के शामिल नहीं किए जाने की केंद्रीय नेतृत्व से शिकायत की गई है। साथ ही नाराजगी भी जताई गई है। इस विवाद को थामने के लिए हो सकता है कि राज्य कमेटी की तरह ही इस कार्यकारिणी में कुछ और सदस्यों को शामिल किया जा सकता है।

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दूसरी बार प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद नई कार्यकारिणी की घोषणा की

उल्लेखनीय है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के दूसरी बार प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद नई कार्यकारिणी के सदस्यों के नामों की घोषणा की थी, लेकिन उस पर पार्टी नेताओं में असंतोष है। इस असंतोष के मद्देनजर गुरुवार को कार्यकारिणी की पहली बैठक के बाद बैशाखी बंद्योपाध्याय, राकेश सिंह, शिशिर बाजौरिया सहित कई नेताओं को शामिल किया गया। 

भाजपा बंगाल प्रभारी विजयवर्गीय ने प्रदेश अध्यक्ष घोष से बातचीत की

प्रदेश भाजपा के सूत्रों के अनुसार, इस मुद्दे पर भाजपा महासचिव व बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष से बातचीत भी की है। खबर है कि इस बाबत दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से शिकायत की गई है कि मनमाने ढंग से और बिना विचार-विमर्श के कार्यकारिणी में कुछ नेताओं को शामिल कर लिया गया, जबकि योग्य नेताओं को शामिल नहीं किया गया है। 

और भी लगभग 3 दर्जन नेताओं के शामिल किए जाने की संभावना है

वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि नवगठित कार्यकारिणी में और भी लगभग 3 दर्जन नेताओं के शामिल किए जाने की संभावना है और नई सूची शीघ्र ही जारी हो सकती है। उल्लेखनीय है कि इसके पहले प्रदेश युवा मोर्चा के अध्यक्ष सौमित्र खां द्वारा घोषित जिलाध्यक्षों एवं पदाधिकारियों की सूची को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था तथा विवाद का अभी तक समाधान नहीं हुआ है।


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