Saradha Chit Fund Scam: मुकुल रॉय ने सारधा समूह के प्रमुख सुदीप्त सेन से 80 करोड़ रुपये लिए: मनोज नागेल
Saradha Chit Fund Scam मनोज नागेल ने भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में लौटे मुकुल रॉय पर सारधा समूह के प्रमुख सुदीप्त सेन से एकमुश्त 80 करोड़ रुपये लेने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। नागेल ने कहा कि जरूरत पड़ने पर वह इस बाबत बयान दर्ज कराने को भी तैयार हैं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सारधा समूह के निदेशक मनोज नागेल ने भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में लौटे मुकुल रॉय पर सारधा समूह के प्रमुख सुदीप्त सेन से एकमुश्त 80 करोड़ रुपये लेने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। नागेल ने कहा कि जरूरत पड़ने पर वह इस बाबत बयान दर्ज कराने को भी तैयार हैं। नागेल ने सवाल किया कि सुदीप्त सेन से करोड़ों रुपये लेने के बावजूद मुकुल रॉय कैसे आराम से घूम-फिर रहे हैं? केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा? गौरतलब है कि अरबों रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले का खुलासा होने के बाद 19 अप्रैल, 2013 को मनोज नागेल को गिरफ्तार किया गया था।
गिरफ्तार होने के बाद नागेल ने अपने बयान में कहा था कि सुदीप्त सेन के फरार होने के बाद मैंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। उन्होंने मुझे मुकुल रॉय से मिलने को कहा था। इसके बाद मुझे तत्कालीन कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार ने तलब किया गया था और उसके बाद मुझे गिरफ्तार कर लिया गया था। नागेल ने आगे कहा कि सुदीप्त सेन कोलकाता से भागते समय अपने साथ 80 करोड़ रुपये लेकर गए थे। उनके गिरफ्तार होने से पहले मुकुल रॉय ने ये रुपये ले लिए थे। उन्होंने सारधा समूह से और कितने रुपये लिए थे, इसका कोई हिसाब नहीं है। गौरतलब है कि नागेल का यह बयान ऐसे समय आया है, जब मुकुल रॉय को बंगाल विधानसभा में लोक लेखा समिति (पीएसी) का चेयरमैन बनाया गया है। भाजपा इसका पुरजोर विरोध कर रही है।
गौरतलब है कि हजारों करोड़ रुपये के सारधा चिटफंड घोटाला मामले में धन शोधन की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी चित्रकार शुभ प्रसन्ना को नोटिस भेजा था। इसी मामले में तृणमूल कांग्रेस के एक और नेता समीर चक्रवर्ती को भी ईडी ने नोटिस भेजा था। ईस्ट बंगाल क्लब के अधिकारी देवव्रत सरकार से पूछताछ हुई थी। सारधा चिटफंड मामले में शुभ प्रसन्ना की भूमिका एक मीडिया चैनल की खरीद बिक्री में रही है। जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया है कि सारधा समूह ने एक मीडिया चैनल को खरीदा था जिसमें रुपये का लेन देन शुभ प्रसन्ना के बैंक खाते के जरिए हुई थी।