ममता ने मशहूर लेखिका महाश्वेता देवी को पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि, कहा- आप बहुत याद आती हैं
साहित्य जगत में महाश्वेता देवी के योगदान को याद करते हुए बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुप्रसिद्ध लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता को उनकी चौंथी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। साहित्य जगत में महाश्वेता देवी के योगदान को याद करते हुए बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को सुप्रसिद्ध लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता को उनकी चौंथी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। ‘हाजार चौराशीर मां’, ‘चोट्टी मुंडा एवं तार तीर’, ‘रुदाली’ और ‘झांशीर रानी’ जैसी कृतियों के लिए जानी जाने वाली महाश्वेता देवी को ममता बनर्जी ने प्रेरणा करार दिया।
उन्होंने ट्वीट किया, 'महाश्वेता दी की पुण्यतिथि पर उनकी याद आ रही है। वह मेरे लिए एक मार्गदर्शक की तरह थी। साहित्य जगत में योगदान के अलावा समाज के हाशिए के तबकों जनजातीय एवं वंचित समुदायों के लिए उन्होंने जो काम किया, वह प्रेरणादायी है। हमें आपकी बहुत याद आती है।'
उल्लेखनीय है कि पद्म विभूषण से सम्मानित महाश्वेता देवी ने 2011 में बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले ‘परिवर्तन’ की अपील करते हुए तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो का समर्थन किया था। उन्होंने बहुचर्चित नंदीग्राम आंदोलन में भी सक्रिय भागीदारी की थी और पूर्व की माकपा सरकार की औद्योगिक नीति के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया था। महाश्वेता देवी का जन्म 1926 में हुआ। उनके पिता मनीष घटक जाने माने कवि और मां धारीत्री देवी भी एक लेखिका एवं सामाजिक कार्यकर्ता थी। वह राजनीतिक एवं साहित्यिक माहौल में पली बढ़ी।
महाश्वेता देवी को 1979 में ‘अरण्येर अधिकार’ के लिए साहित्य अकादमी और 1996 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें अगले वर्ष रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें 1986 में पद्म श्री, 2006 में पद्म विभूषण और 2011 में बंग बिभूषण पुरस्कार प्रदान किया गया। 28 जुलाई 2016 को महाश्वेता देवी का निधन हो गया था।