बीमार व बंद साझा उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी को बेचेगी ममता सरकार
बीमार व बंद साझा उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी को बेचेगी ममता सरकारजमीन और संपत्ति भी बिकेगी शेयर व संपत्तियों के मूल्यांकन के लिए ली जाएगी निजी एजेंसी की मदद
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल सरकार की वैसे भी आर्थिक स्थिति खराब है। ऋण लेकर कर्मचारियों के वेतन से लेकर पेंशन तक का भुगतान किया जाता है। ऐसे हालात में बंद सरकारी और बीमार संयुक्त उपक्रम वाली कंपनियों में सरकारी हिस्सेदारी को ममता सरकार बेचने की तैयारी कर रही है। संयुक्त उपक्रम वाली राज्य सरकार की कंपनियों का समस्त शेयर बेचा जाएगा। खर्च पर अंकुश लगाने के लिए बंद और बीमार कंपनियों के कर्मचारियों को स्थानांतरित कर वहां की जमीन से लेकर अन्य सभी संपत्तियां बेच दी जाएगी।
नवान्न सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार ने उन कंपनियों की संपत्ति, जमीन और शेयर के मूल्यांकन के लिए मशहूर एजेंसियों की सूची तैयार की जा रही है ताकि उनमें से किसी एक अच्छी एजेंसी के माध्याम से मूल्य निर्धारण कराया जा सके।
वित्त विभाग के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक वाममोर्चा के शासनकाल में राज्य में संयुक्त उपक्रम के तहत कई कंपनियां खोली गई थी। आवास, छोटी व लघु उद्योग, स्वास्थ्य, नगर निकाय और शहरी विकास के अधीन कई संयुक्त उपक्रम वाली कंपनियां हैं। आवास, अस्पताल, उद्योग क्षेत्र, सड़क निर्माण समेत कई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए संयुक्त कंपनी तैयार की गई थी। लिखा-पढ़ी में संयुक्त उपक्रम होने के बावजूद उसका संचालन निजी हाथों में ही है।
संचालन कमेटी में सरकारी प्रतिनिधियों के मौजूद रहने के बावजूद उनकी भूमिका न के बराबर ही रही है। सरकार को ऐसी कंपनियों से कोई लाभ नहीं हो रहा है। कई संयुक्त परियोजना बंद हो चुकी है। जिस उद्देश्य के लिए यह कंपनियां तैयार की गई थी वह पूरा नहीं हो रहा है। इसीलिए सरकार की कैबिनेट बैठक में इस बाबत पहले ही निर्णय लिया जा चुका है जिसे अब क्रियान्वित किया जा रहा है।