ममता बनर्जी ने केंद्र से की नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग
आजाद हिंद फौज के नाम पर कोलकाता में समाधि स्थल का निर्माण किया जाएगा एक विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है।गणतंत्र दिवस परेड से नेताजी पर आधारित बंगाल की झांकी को शामिल नहीं किए जाने का ममता ने विरोध किया था इसे लेकर प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आजादी के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए केंद्र सरकार से 23 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग की है। ममता ने कहा कि आजाद हिंद फौज के नाम पर कोलकाता के राजारहाट क्षेत्र में समाधि स्थल का निर्माण किया जाएगा और एक विश्वविद्यालय की भी स्थापना की जा रही है, जिसके लिए फंडिंग पूरी तरह से राज्य सरकार करेगी।
ममता ने ट्विटर पर कहा- 'केंद्र सरकार को 23 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करना चाहिए। हम यह दिवस देश नायक दिवस के रूप में मना रहे हैं। नेताजी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बने रहेंगे।'
मुख्यमंत्री ने आगे कहा-'देशनायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर कोटि-कोटि नमन। एक राष्ट्रीय और वैश्विक प्रतीक, बंगाल से नेताजी का उदय भारतीय इतिहास के इतिहास में बेजोड़ है। वे देशभक्ति, साहस, नेतृत्व, एकता और भाईचारे के प्रतीक हैं। नेताजी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा रहे हैं और आगे भी रहेंगे।' ममता ने कहा कि सूबे में बंगाल योजना आयोग गठित किया जाएगा, जो राष्ट्रीय योजना आयोग पर नेताजी के विचारों से प्रेरित होगा।
गौरतलब है कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड से नेताजी पर आधारित बंगाल की झांकी को शामिल नहीं किए जाने का ममता ने कड़ा विरोध किया था और इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भी लिखा था।
मालूम हो कि, दूसरी और आजादी के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर रविवार को उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने को लेकर कोलकाता से सटे उत्तर 24 परगना के भाटपाड़ा में फिर से जमकर सियासी बवाल व संघर्ष देखने को मिला। बैरकपुर से स्थानीय भाजपा सांसद अर्जुन सिंह जब यहां सुबह नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे तो सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। सिंह को माल्यार्पण करने से भी रोक दिया।इसके बाद इसको केंद्र कर टीएमसी व भाजपा के समर्थक आपस में भिड़ गए और दोनों पक्षों के बीच जमकर झड़पें हुई। इस दौरान तृणमूल समर्थकों द्वारा कथित तौर पर भाजपा सांसद के काफिले में शामिल दो वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई।साथ ही भाजपा ने अपने सांसद के साथ धक्का-मुक्की करने व उनपर हमले का भी तृणमूल पर आरोप लगाया है।