संस्मरण: ममता बनर्जी को हो गया था राजीव गांधी की हत्या का पूर्वाभास!
बंगाल की मुख्यमंत्री ने अपनी आत्मकथा में किया है राजीव गांधी की हत्या का पूर्वाभास का जिक्र पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या से कुछ दिन पहले ही उनसे मिली थीं ममता अपनी आत्मकथा माई अनफॉरगेटेबल मेमोरीज में ममता ने इसका जिक्र भी किया है।
विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का पूर्वाभास हो गया था। अपनी आत्मकथा 'माई अनफॉरगेटेबल मेमोरीज' में ममता ने इसका जिक्र भी किया है। उन्होंने लिखा है-'राजीव जी की हत्या से कुछ दिन पहले ही मैं उनसे मिली थी। उसी समय मुझे उनका चेहरा देखकर किसी अनहोनी का पूर्वाभास हुआ था। मन में यह सवाल उठा था कि कहीं मैं राजीव जी से आखिरी बार तो नहीं मिल रही?'
ममता ने आगे लिखा है-'राजीव जी के निधन से मैं फिर से अनाथ हो गई थी। पिता की मौत के बाद यह दूसरी बार था। मैं पूरी तरह टूट गई थी। मैंने एक हफ्ते तक न कुछ खाया था और न ही किसी से बात की थी। खुद को अपने कमरे में बंद कर फूट-फूट कर रोया करती थी।' गौरतलब है कि ममता राजीव गांधी के बेहद करीब थीं। राजीव भी ममता से बहुत स्नेह करते थे। उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में ममता को जगह भी दी थी।
जख्मी ममता को बेहतर इलाज के लिए अमेरिका भेजना चाहते थे राजीव
ममता ने आगे लिखा है- राजीव जी के निधन से कुछ समय पहले कोलकाता में एक रैली के दौरान जब मैं जानलेवा हमले में जख्मी हो गई थी, उस वक्त राजीव जी ने मेरे इलाज का पूरा खर्च वहन करने की जिम्मेदारी ली थी। वे बेहतर इलाज के लिए मुझे अमेरिका भेजना चाहते थे। इह बारे में पूछने के लिए उन्होंने मेरे पास अपना एक आदमी भी भेजा था। राजीव जी दिलों पर राज करने वाले नेता थे।'
राजीव गांधी के निधन के बाद ममता ने बाध्य होकर छोड़ी थी कांग्रेस
ममता ने पुस्तक में आगे लिखा है-'राजीव जी के निधन के बाद कांग्रेस में एक खालीपन आ गया था। दुर्भाग्यवश कांग्रेस में ऐसा कोई नहीं था, जो हमारी भावनाओं को समझता और देख पाता कि हम कहां से आए हैं इसलिए हमने दिल्ली की तानाशाही और सहन नहीं करने का निर्णय लिया था।'