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भ्रष्टाचार पर बिफरीं ममता बनर्जी, कहा- पीडब्ल्यूडी बहुत खाता है, उससे सभी काम कराने की जरूरत नहीं

बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने मेदिनीपुर में प्रशासनिक बैठक के दौरान सार्वजनिक रूप से पीडब्ल्यूडी के काम पर नाराजगी जताई । कहा कि पीडब्ल्यूडी बहुत अधिक खाता है। उससे सभी काम कराने की जरूरत नहीं है। निर्देश दिया कि पीडब्ल्यूडी के डीपीआर को रद करें और फेंक दें।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 06:44 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 07:45 PM (IST)
भ्रष्टाचार पर बिफरीं ममता बनर्जी, कहा- पीडब्ल्यूडी बहुत खाता है, उससे सभी काम कराने की जरूरत नहीं
सीएम ममता बनर्जी ने पीडब्ल्यूडी के डीपीआर को रद कर फेंक देने को कहा ।

 कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर मंगलवार को बिफर गईं। जंगलमहल के तीन दिवसीय दौरे के पहले दिन मेदिनीपुर में प्रशासनिक बैठक के दौरान ममता ने कम्युनिटी हाल और दो बड़े गेट बनाने को लेकर पीडब्ल्यूडी द्वारा दिए गए लागत पर गहरी नाराजगी जताते हुए सार्वजनिक रूप से कहा कि पीडब्ल्यूडी बहुत अधिक खाता है। उससे सभी काम कराने की जरूरत नहीं है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने माओवादी हिंसा छोड़कर मुख्य धारा में लौटे कई लोगों को नियुक्ति पत्र भी सौंपा। बैठक के दौरान वहां के प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत में एक कम्युनिटी हाल की निर्माण लागत का मामला सामने आया। तभी ममता पीडब्ल्यूडी के कार्यों में अधिक लागत को लेकर बिफर गईं। उन्होंने कहा, पीडब्ल्यूडी के काम में कुछ ज्यादा ही लागत लगता है। उन्हें काम मत दो। पीडब्ल्यूडी इतना भूखा क्यों है? कुछ नहीं करना चाहता। पीडब्ल्यूडी इस तरह की आदत बंद करें। उन्होंने निर्देश दिया कि पीडब्ल्यूडी के उस विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को रद करें और फेंक दें।

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पीडब्ल्यूडी की डीपीआर रिपोर्ट पर जताई आपत्ति

दरअसल, उस समय एक अधिकारी ने मुख्यमंत्री को बताया कि डीपीआर बहुत पहले तैयार की गई थी। यह सुनते ही मुख्यमंत्री ने कहा, डीपीआर में कितना का बजट बनाया गया था? अधिकारी ने कहा कि 30-40 लाख रुपये होगी। उन्होंने यह भी कहा कि उसके बाद और पैसे की जरूरत होगी, यह सुन वह नाराज हो गईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीडब्ल्यूडी से काम कराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जरूरत पडऩे पर हावड़ा इम्पु्रवमेंट ट्रस्ट और एचआरबीसी के इंजीनियरों से काम कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि मैंने कभी कोई काम नहीं कराया है। मैंने कालीघाट में 50 लाख रुपये में एक बड़ा गेट बनाया है। इतने पैसे नहीं लगे। उन्होंने निर्देश दिया कि पीडब्ल्यूडी के उस डीपीआर को रद करें और फेंक दें।


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