ममता सरकार ने राज्यपाल का अनुरोध ठुकराया, कहा-कुलपतियों के साथ वर्चुअल बैठक का अधिकार नहीं
शिक्षा विभाग ने राजभवन से कहा है कि राज्यपाल व कुलपतियों के बीच वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक करने का कोई नियम नहीं है। इसलिए इसकी व्यवस्था नहीं की जा सकती।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ व ममता सरकार के बीच टकराव जारी है। राज्यपाल ने हाल में राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक करने की इच्छा जाहिर की थी और इसके लिए उन्होंने राज्य के शिक्षा विभाग को आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया था। राज्यपाल के इस अनुरोध को राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने मानने से इनकार कर दिया है।
शिक्षा विभाग ने राजभवन से कहा है कि राज्यपाल व कुलपतियों के बीच वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक करने का कोई नियम नहीं है। इसलिए इसकी व्यवस्था नहीं की जा सकती। शिक्षा विभाग के इस जवाब पर राज्यपाल ने सोमवार को अपनी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। उनकी समस्याओं का समाधान करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कई छात्र संगठन व प्रतिनिधियों ने उनसे मिलकर विभिन्न विश्वविद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल उठाये हैं और उन्होंने उनसे इस बारे में हस्तक्षेप करने की मांग की थी।
छात्रों के भविष्य को देखते हुए उन्होंने कुलपतियों के साथ बैठक करने की इच्छा जाहिर की थी। राज्यपाल ने कहा कि इससे पहले भी वह जनवरी में कुलपतियों के साथ बैठक करना चाहते थे, लेकिन उस समय भी राज्य सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। उस समय राज्य सरकार ने कहा था कि इस बैठक की कोई आवश्यकता नहीं है और आज सरकार यह कह रही है कि राज्यपाल वर्चुअल कांफ्रेंस के माध्यम से कुलपतियों के साथ बैठक नहीं कर सकते हैं। उन्होंने ट्विटर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को टैग करते हुए कहा कि इस प्रकार के असंवैधानिक कार्यकलाप बंद होने चाहिए।
गौरतलब है कि राज्यपाल धनखड़ ने छात्रों व शिक्षा से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ वर्चुअल कॉन्फ्रेंस करने की इच्छा जाहिर की थी। राज्यपाल के सचिव ने 15 जून को राज्य शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव से अगले सात दिनों में इस वर्चुअल कॉन्फ्रेंस की व्यवस्था करने को कहा था।