तब्लीगी जमात के 19 सदस्यों को बांग्लादेश भेजने के लिए ममता सरकार प्रयासरत, इस तरह कर रही काम
पश्चिम बंगाल सरकार कोलकाता में बांग्लादेश उप उच्चायोग के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि मार्च में राज्य में फंसे पड़ोसी देश के 19 तब्लीगी जमात सदस्यों को वापस भेजा जा सके।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार कोलकाता में बांग्लादेश उप उच्चायोग के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि मार्च में कोविड-19 शुरू होने के बाद राज्य में फंसे पड़ोसी देश के 19 तब्लीगी जमात सदस्यों को वापस भेजा जा सके। बांग्लादेश उप उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, वे लोग अभी भारत-बांग्लादेश सीमा के पास एक सुरक्षित घर में ठहरे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि तब्लीगी जमात-बांग्लादेश के 250 से अधिक सदस्य मार्च में नयी दिल्ली के निजामुद्दीन में एक धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आए थे। उन्होंने कहा कि उनमें से 19 को कोलकाता में पृथकवास और अन्य आधिकारिक प्रक्रियाओं के लिए रखा गया था। उसके बाद उन्हें सीमा के पास एक सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया था। वे सभी वायरस से संक्रमण नहीं हैं। उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने भी इस घटनाक्रम की पुष्टि की। अधिकारी ने कहा, "हम इन लोगों को बांग्लादेश वापस भेजने के तौर-तरीकों पर काम कर रहे हैं। केंद्र सरकार सहित संबंधित अधिकारियों के साथ बात चल रही है।"
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने कोलकाता में विदेशी जमातियों से की थी पूछताछ
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने कोलकाता में पिछले दिनों 109 विदेशी जमातियों से पूछताछ पूरी की थी। जमातियों ने माना कि वह निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात में शामिल हुए थे। काफी विदेशी तब्लीगी मरकज में आए थे। आरोप है कि विदेशी जमाती टूरिस्ट वीजा पर भारत आकर धर्म का प्रचार कर रहे थे। इन पर कोरोना महामारी फैलाने का आरोप है। करीब 960 विदेशी जमाती दिल्ली में रह गए थे, बाकी कई राज्यों में चले गए थे।
भारत आकर जमात में शामिल होने वाले 2500 ज्यादा विदेशियों को ब्लैकलिस्ट किया
पश्चिमी बंगाल के अलावा सभी राज्यों में विदेशी जमातियों पर कार्रवाई हुई थी। गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को आदेश दिया था कि वह पश्चिम बंगाल में रुके हुए 109 विदेशियों पर कार्रवाई करे। मार्च महीने की शुरुआत में ही वह दिल्ली से कोलकाता चले गए थे। भारत सरकार ने कोरोना काल व उससे पहले टूरिस्ट वीजा पर भारत आकर जमात में शामिल होने वाले 2500 ज्यादा विदेशियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। ये विदेशी अब भविष्य में भारत नहीं आ सकते। हालांकि कुछ विदेशी भारत सरकार के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट गए हैं।