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बंगाल में बसें चलाने को लेकर मालिक संगठनों में उभरे मतभेद, किराया बढ़ाने को तैयार नहीं ममता सरकार

रविवार को बस मालिक संगठनों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई थी हालांकि उसमें सर्वसम्मति से कोई फैसला नहीं हो पाया।

By Neel RajputEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 05:12 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 05:12 PM (IST)
बंगाल में बसें चलाने को लेकर मालिक संगठनों में उभरे मतभेद, किराया बढ़ाने को तैयार नहीं ममता सरकार
बंगाल में बसें चलाने को लेकर मालिक संगठनों में उभरे मतभेद, किराया बढ़ाने को तैयार नहीं ममता सरकार

कोलकाता, जागरण संवाददाता। बसें चलाने को लेकर अब मालिक संगठनों में ही मतभेद पैदा हो गया है। ममता सरकार के किराया नहीं बढ़ाने के फैसले से नाराज ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट्स ने जहां सोमवार से कोलकाता व जिलों में बसें नहीं चलाने का फैसला किया है, वहीं वेस्ट बंगाल बस एंड मिनी बस आनर्स एसोसिएशन की तरफ से कहा गया है कि जब तक संभव हो पाएगा, वह बसें चलाएगा। रविवार को बस मालिक संगठनों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई थी, हालांकि उसमें सर्वसम्मति से कोई फैसला नहीं हो पाया।

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ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट्स के महासचिव तपन कुमार बनर्जी ने कहा- 'बस किराया बढ़ाने के लिए बार-बार अनुरोध किए जाने के बावजूद राज्य सरकार ने इसपर ध्यान नहीं दिया। हमारे लिए नुकसान उठाकर बसें चलाना अब संभव नहीं है इसलिए हमने सोमवार से कोलकाता व जिलों में अपनी बस सेवा बंद करने का फैसला किया है।' प्रत्येक बस के लिए सरकार की तरफ से अगले तीन महीने तक 15, 000 रुपये के मासिक भत्ते की पेशकश पर बनर्जी ने कहा-'इतनी सी रकम से कुछ नहीं होने वाला है। बसें चलाने में बहुत खर्च आता है। बसें पानी से नहीं बल्कि तेल से चलती हैं।

पिछले कुछ दिनों में डीजल के दाम में तेजी से बढ़ोतरी हुई है । हमने राज्य सरकार के समक्ष बार-बार अपनी समस्याओं को रखा लेकिन सरकार ने उसपर कोई ध्यान नहीं दिया।' दूसरी तरफ वेस्ट बंगाल बस एंड मिनी बस ऑनर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव प्रदीप नारायण बोस ने कहा-'हम जितने दिनों तक हो सकेगा, अपनी सेवाएं जारी रखेंगे।' बस मालिक संगठनों में मतभेद की बात पर उन्होंने कहा-'सभी के अपने -अपने मत हो ही सकते हैं।' गौरतलब है कि कोलकाता की सड़कों पर निजी बसों की संख्या पहले से ही बहुत कम है।फिलहाल 10 से 15 फीसद बसें ही चल रही हैं। ऑफिस टाइम में लोगों को बसों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे में अगर सोमवार से बसें और कम हो जाएंगी तो लोगों की परेशानी काफी बढ़ जाएगी। राज्य सरकार फिलहाल बस किराया बढ़ाने के मूड में नहीं है।


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