चुनाव नतीजों के बाद हिंसा पर एक्शन के लिए ममता ने शीर्ष अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई, दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश
बंगाल में विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद राज्य के विभिन्न हिस्सों में जारी हिंसा व आगजनी की घटनाओं के खिलाफ चारों तरफ से हो रही आलोचनाओं के बीच कार्यवाहक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आखिरकार मंगलवार को जागीं। इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद राज्य के विभिन्न हिस्सों में जारी हिंसा व आगजनी की घटनाओं के खिलाफ चारों तरफ से हो रही आलोचनाओं के बीच कार्यवाहक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आखिरकार मंगलवार को जागीं। ममता ने शाम में कालीघाट स्थित अपने आवास पर राज्य के शीर्ष पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कीं। इस दौरान ममता ने अधिकारियों को हिंसा पर अविलंब अंकुश लगाने एवं इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
बैठक में राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय, गृह सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पी नीरजनयन एवं कोलकाता पुलिस के आयुक्त सोमेन मित्रा समेत अन्य आला अधिकारी मौजूद थे।बैठक के दौरान ममता ने हिंसा के संबंध में अधिकारियों से विस्तार से जानकारी ली और उन्होंने स्थिति सामान्य बनाने के लिए हरसंभव कदम उठाने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि रविवार को बंगाल में चुनाव परिणाम आने के बाद से जारी हिंसा के खिलाफ देशभर से आवाजें उठ रही है।
इससे पहले हिंसा को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गहरी चिंता जताते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़ से फोन पर बात की। वहीं, राज्यपाल ने इस बाबत राज्य के डीजीपी व कोलकाता के पुलिस आयुक्त से हिंसा के संबंध में रिपोर्ट तलब किया है। साथ ही राज्यपाल ने राज्य प्रशासन से हिंसक घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए तुरंत कड़े कदम उठाने के लिए कहा है।
बता दें कि एक दिन पूर्व केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी राज्य सरकार से हिंसा को लेकर रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि इससे पहले ममता ने सोमवार को अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने की भी अपील की थी। हालांकि इसके बावजूद हिंसा का दौर पूरे राज्य भर में जारी है। भाजपा का आरोप है कि प्रचंड जीत के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा उनके कार्यकर्ताओं के घरों पर हमले एवं आगजनी की जा रही है। पार्टी का दावा है कि हमले में अब तक कम से कम नौ भाजपा कार्यकर्ताओं की जानें जा चुकी है।