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पार्टी विधायकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करेंगी ममता, नेताओं को दे सकती हैं महत्वपूर्ण निर्देश

लॉकडाउन में ढील के बाद भाजपा ने राजनीतिक गतिविधियां शुरू करने की बात कही है। ऐसे में भला तृणमूल पीछे कैसे रहेगी।

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 09:18 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 09:18 PM (IST)
पार्टी विधायकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करेंगी ममता, नेताओं को दे सकती हैं महत्वपूर्ण निर्देश
पार्टी विधायकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करेंगी ममता, नेताओं को दे सकती हैं महत्वपूर्ण निर्देश

राज्य ब्यूरो, कोलकाता: लॉकडाउन में ढील के बाद भाजपा ने राजनीतिक गतिविधियां शुरू करने की बात कही है। ऐसे में भला तृणमूल पीछे कैसे रहेगी। यही वजह है कि शुक्रवार की शाम पांच तृणमूल प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पार्टी के विधायकों के साथ एक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक करेंगी। इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा के साथ-साथ ममता नए निर्देश भी दे सकती हैं।

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राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, भाजपा 2021 विधानसभा चुनावों से पहले कोरोना और एम्फन चक्रवात को लेकर लगातार तृणमूल सरकार पर हमलावर है। इसका जवाब कैसे देना है। पार्टी विधायकों व नेताओं को किस तरह से एम्फन पीड़ितों की मदद में आगे आना है। अन्य राज्यों से प्रवासी श्रमिक लौट आए हैं। वहीं जिलों में कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है। इस स्थिति से निपटने के लिए पार्टी के नेताओं को कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दे सकती हैं। बीजेपी को रोकने के लिए किस रास्ते चलना है, इसकी पार्टी नेताओं को रूपरेखा दे सकती हैं। भाजपा जिस तरह से संगठन को मजबूत कर रही है। तृणमूल भी अपने संगठन को और मजबूत करना चाहती हैं।

कॉमर्शियल माइनिंग के खिलाफ 10-11 जून को ट्रेड यूनियनों का धरना

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार द्वारा कोयला उद्योग का निजीकरण करने के लिये कॉमर्शियल माइनिंग की इजाजत देने और सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग करने के खिलाफ 10 जून को देशव्यापी विरोध दिवस मनाये जाने का आह्वान किया है। इसके तहत धरना, प्रदर्शन, काला बिल्ला लगाना , पिट मीटिंग करना आदि शामिल है और 11 जून को देश भर के कोयला क्षेत्र मे काला दिवस मनाए जाने की घोषणा की है। इस दिन केंद्र सरकार का पुतला दहन किया जाएगा।

ट्रेड यूनियनों का मानना है कि कोरोना संकट और लॉकडाऊन की आड़ में सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य लाभकारी उद्योगों की तरह केंद्र सरकार कोयला उद्योग को भी कॉरपोरेट घरानों के हाथों में सौपे जाने के एजेंडे पर चल रही है। इसलिए ही केंद्र सरकार ने 11जून से कॉमर्शियल माइनिंग शुरू किए जाने का एलान कर दिया है, लेकिन देश का कोयला कामगार सरकार की इस साजिश का डटकर विरोध करेगा। ट्रेड यूनियन नेताओं ने तमाम कोयला मजदूरों से शारीरिक दूरी और लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए इस दो दिवसीय विरोध कार्रवाई को सफल बनाने की अपील की है। यह अपील ऐटक की ओर से रमेंद्र कुमार, इंटक की ओर से एस क्यू जमा, एचएमएस की ओर से नाथू लाल पांडे और सीटू की ओर से डीडी रामानंदन ने की है।


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