एम्फन राहत फंड में भ्रष्टाचार पर ममता सख्त, फंड में गड़बड़ी होने पर नपेंगे तृणमूल के नेता व कार्यकर्ता
चक्रवात एम्फन से प्रभावित लोगों को मिलने वाली राहत राशि व सामग्री में हेराफेरी करने वालों पर एक तरफ जहां ममता सरकार सख्त हैं
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः चक्रवात एम्फन से प्रभावित लोगों को मिलने वाली राहत राशि व सामग्री में हेराफेरी करने वालों पर एक तरफ जहां ममता सरकार सख्त हैं तो दूसरी ओर तृणमूल नेतृत्व भी कड़े कदम उठा रहा है, क्योंकि, एम्फन राहत फंड की राशि में घोटाले करने का आरोप तृणमूल के स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं पर लग रहे हैं। यहां तक कि कुछ एेसे मामले सामने आए हैं कि एक तृणमूल के नेता के घर आलिशान है और उनके घर की खिड़की का एक कांच तक नहीं टूटा, लेकिन राहत राशि के लिए जो सूची भेजी गई उसमें तृणमूल नेता की पत्नी का नाम शामिल था। हालांकि, यह बात की जानकारी मिलने के बाद राज्य नेतृत्व ने उक्त नेता को पार्टी से बाहर निकाल दिया। एेसे ही कई और तृणमूल पर लग रहे हैं। सिर्फ तृणमूल समर्थकों लोगों का नाम शामिल करने के भी आरोप लग रहे हैं। लोग हर दिन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसीलिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दो दिन पहले सर्वदलीय बैठक में भ्रष्टाचार की बात स्वीकार करते हुए विपक्षी दलों के नेताओं को शामिल कर एक कमेटी गठित की है। ताकि भ्रष्टाचार को रोका जा सके।
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भ्रष्टाचार रोकने को समिति बनाने का निर्देश
यही नहीं ममता ने तूफान प्रभावित जिले के सभी पंचायतों में पंचायत स्तर पर एक समिति बनाने का निर्देश दिया है, ताकि एम्फन राहत राशि में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके। जिला अधिकारियों को हर ग्राम पंचायत में समितियां गठित करने का निर्देश दिया गया है। समिति यह जांच करेगी कि क्या जिन उपभोक्ताओं को सूचीबद्ध किया गया है वे वास्तविक उपभोक्ता हैं या नहीं? इस पंचायत समिति में बीडीओ के एक प्रतिनिधि और एक सरकारी अधिकारी के साथ विपक्षी दल का कोई भी प्रतिनिधि अगर चाहे तो समिति में रखा जा सकता है। रिश्तेदारों को सूची में शामिल करने पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।