West Bengal Politics: टीका खरीदना राज्य सरकार का कार्य नहीं, चुनाव समाप्त होते ही ममता के बदले सुर
विधानसभआ चुनाव के प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कहती फिर रही थीं कि अगर केंद्र ने उन्हें वैक्सीन खरीदने की अनुमति दी तो उनकी सरकार राज्य में 10 करोड़ लोगों को मुफ्त टीकाकरण करेगी। परंतु सत्ता में लौटने के बाद ममता का सुर बदल गए।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः पिछले माह संपन्न विधानसभआ चुनाव के प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कहती फिर रही थीं कि अगर केंद्र ने उन्हें वैक्सीन खरीदने की अनुमति दी तो उनकी सरकार राज्य में 10 करोड़ लोगों को मुफ्त टीकाकरण करेगी। परंतु, सत्ता में लौटने के बाद ममता का सुर बदल गए। उन्होंने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि टीका खरीदना केंद्र की जिम्मेदारी है। वे हमें टीका लगवाने के लिए क्यों कह रहे हैं? बंगाल विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान राज्य में कोरोना संक्रमण ने विकराल रूप ले लिया।
हालात यह हैं कि पिछले कुछ दौर की वोटिंग एक साथ कराने की मांग की गई थी। यहां तक कि मतदान रोकने की भी ममता ने मांग की थी। ममता ने चुनाव प्रचार के दौरान अप्रैल में लगभग सभी चुनावी सभाओं में राज्य में टीकाकरण की धीमी गति के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहरा रही थीं। उन्होंने कहा कि मैंने पिछले फरवरी में कहा था कि मैंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि मुझे टीका खरीदने की अनुमति दें। अगर राज्य सरकार को अनुमति देती है तो हम राज्य में 10 करोड़ लोगों का मुफ्त में टीका लगवाएंगी, लेकिन अब वहीं पलट गईं। यही नहीं इस साल के अंत तक 18 साल से अधिक उम्र की समूची आबादी का टीकाकरण कर लेने के केंद्र के दावे को ममता ने ‘जुमला’ बताया और जोर दिया कि केंद्र सरकार को सभी राज्यों को निशुल्क टीके देने चाहिए।
सुश्री बनर्जी ने कहा कि कोविड-19 रोधी टीकों की खुराकों के बीच अंतराल को देखते हुए सभी योग्य उम्र समूहों के टीकाकरण की प्रक्रिया के संपन्न होने में छह महीने से एक साल तक लग जाएंगे। उनकी सरकार ने टीके खरीदने के लिए 150 करोड़ रुपये खर्च किए हैं लेकिन राज्य की 10 करोड़ से ज्यादा आबादी में अब तक केवल 1.4 करोड़ आबादी का टीकाकरण हो पाया है। ममता ने यह भी कहा कि केंद्र निशुल्क वैक्सीन दे इस मुद्दे पर उनकी ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से बातचीत भी हुई है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सहित अन्य राज्यों के सीएम भी यही मांग कर रहे हैं।
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यास में बांध टूटने पर तीन दिन में रिपोर्ट तलब
यास तूफान के दौरान कई जिलों में बांध के टूटने पर सीएम ममता बनर्जी ने कड़ी कार्रवाई की बात कहते हुए तीन दिनों के भीतर संबंधित विभागों से रिपोर्ट तलब किया है। ममता ने कहा कि प्रत्येक बार बांध का निर्माण किया जाता है और हर साल तूफान में कैसे टूट जाते हैं? इसकी जांच के लिए एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया जाएगा। बता दें कि इसके पहले सिंचाई विभाग पूर्व मंत्री राजीब बनर्जी के अधीन था। राजीब भाजपा में शामिल हो गए हैं। उसी तरह से दीघा सुवेंदु अधिकारी देखते थे। अब वह भी भाजपा में हैं। सुश्री बनर्जी ने कहा कि यास तूफान के दौरान दीघा का तटवर्ती इलाका पूरी तरह से विध्वस्त हो गया है। राज्य सरकार की ओर से इनका निर्माण किया गया था, लेकिन यह किस तरह से टूटा है? इस की पूरी जांच होगी। पिछले साल एम्फन में बहुत सारे पेड़ काटे गए थे। वे सभी कहां गए। ममता ने बुधवार को सिंचाई विभाग से जानकारी मांगी। उन्होंने मुख्य सचिव को तीन दिन में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।