TMC Foundation Day: ममता बनर्जी ने टीएमसी के स्थापना दिवस पर संघीय ढांचे को मजबूत करने का लिया संकल्प
TMC Foundation Day ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को शनिवार को बधाई दी और देश के संघीय ढांचे को मजबूत करने का संकल्प लिया। ममता ने कांग्रेस छोड़कर एक जनवरी 1998 को तृणमूल कांग्रेस का गठन किया था।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को शनिवार को बधाई दी और देश के संघीय ढांचे को मजबूत करने का संकल्प लिया। ममता ने कांग्रेस छोड़कर एक जनवरी, 1998 को तृणमूल कांग्रेस का गठन किया था। उन्होंने ट्वीट किया, तृणमूल कांग्रेस के स्थापना दिवस पर मैं हमारे सभी कार्यकर्ताओं, समर्थकों और मां-माटी-मानुष परिवार के सदस्यों को शुभकामनाएं देती हूं। हमारी यात्रा एक जनवरी, 1998 को आरंभ हुई थी और हम तभी से लोगों की सेवा करने एवं उनका कल्याण सुनिश्चित के अपने प्रयासों के प्रति प्रतिबद्ध रहे हैं। ममता के नेतृत्व में तृणमूल ने 2021 विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की थी और वह लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं।उन्होंने ट्वीट किया, हम नव वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, तो आइए, ऐसे में हर प्रकार के अन्याय के खिलाफ एकजुट होने का संकल्प लें। एक दूसरे के साथ दयालुता और सम्मान के साथ व्यवहार करें। मैं आपके आशीर्वाद के लिए आपको धन्यवाद देती हूं।
बंगाल में इस तरह मना टीएमसी का स्थापना दिवस
तृणमूल ने 2001 और 2006 में दो बार विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वह सफल नहीं हुई। इसके बाद उसने 2011 में शक्तिशाली वाम मोर्चा को हराकर जीत हासिल की। इधर, तृणमूल कांग्रेस की ओर से कोलकाता समेत पूरे राज्यभर में पार्टी का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर विभिन्न जिलों में पार्टी नेताओं की ओर से केक भी काटा गया और पार्टी के स्थापना दिवस के साथ अंग्रेजी नववर्ष का जश्न मनाया गया। स्थापना दिवस के मौके पर तृणमूल की ओर से विभिन्न जिलों में रक्तदान शिविर व अन्य कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी के नेतृत्व में 2011 में बंगाल की सत्ता पर काबिज होने के बाद से तृणमूल कांग्रेस का लगातार दबदबा कायम है। इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनाव में तृणमूल ने बंपर जीत के साथ लगातार तीसरी बार राज्य की सत्ता में वापसी की। इसके बाद से तृणमूल राष्ट्रीय राजनीति में भी अपनी पहुंच बढ़ाने के मद्देनजर विभिन्न राज्यों में पार्टी के विस्तार में जुटी हुई है।