Mission 2024: सोनिया गांधी की विपक्षी नेताओं के साथ ऑनलाइन बैठक में ममता बनर्जी भी हो सकती हैं शामिल
Mission 2024 सोनिया गांधी द्वारा 20 अगस्त को विपक्षी नेताओं की बुलाई गई ऑनलाइन बैठक में शामिल होने के लिए तृणमूल कांग्रेस को भी न्योता मिला है। इसकी पुष्टि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के एक राजनीतिक सहयोगी ने की है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा 20 अगस्त को विपक्षी नेताओं की बुलाई गई ऑनलाइन बैठक में शामिल होने के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को भी न्योता मिला है। इसकी पुष्टि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के एक राजनीतिक सहयोगी ने की है। उन्होंने बताया कि तृणमूल कांग्रेस के बैठक में शामिल होने की संभावना है। खबर है कि ममता खुद इस बैठक में हिस्सा ले सकतीं हैं। सोनिया गांधी ने यह बैठक विपक्षी नेताओं, न्यायाधीशों और पत्रकारों के फोन कथित तौर पर टैप करने को लेकर चल रहे राजनीतिक विवाद और संसद के हाल में संपन्न मानसून सत्र में हुए हंगामे को लेकर जारी आरोप-प्रत्यारोप के बीच बुलाई है। हालांकि, अब तक बैठक का एजेंडा सामने नहीं आया है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि इस दौरान विपक्षी दलों के मुद्दों पर चर्चा करने और विपक्षी एकजुटता को मजबूत करने के तरीकों पर विचार विमर्श होगा।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक के लिए द्रमुक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और झारखंड मुक्ति मोर्चा उन पार्टियों में शामिल हैं, जिन्हें न्योता दिया गया है। ममता ने भी पिछले महीने अपने दिल्ली दौरे के दौरान विपक्ष की एकजुटता पर जोर दिया था। तब वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करने के साथ-साथ कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कमलनाथ, आनंद शर्मा और अभिषेक मनु सिंघवी से भी मिली थीं। ममता ने दिल्ली दौरे के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, द्रमुक नेता कनिमोझी से भी मुलाकात की थी। इनके अलावा उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव से भी फोन पर बात की थी।
गौरतलब है कि सोनिया गांधी के विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाने की यह ताजा पहल काफी हद तक सिब्बल के रात्रिभोज में हुए जुटान से बढ़े सियासी दबाव का भी असर है। वैसे ममता बनर्जी ने मानसून सत्र के दौरान दो हफ्ते पहले दिल्ली आकर जिस तरह विपक्षी नेताओं के साथ 2024 में एकजुटता को लेकर चर्चा की पहल शुरू की, वह भी कांग्रेस के लिए चुनौती है और पार्टी इसे भली-भांति समझ रही है।