Bengal Chunav 2021: बांग्लादेश में मतुआ समुदाय को रिझाने की पीएम मोदी की कवायद पर भड़कीं ममता, आयोग से करेंगी शिकायत
Bengal Chunav 2021 ममता ने पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान एक बांग्लादेशी एक्टर के तृणमूल रैली में शामिल होने पर हुए विवाद और एक्टर का वीजा रद्द होने की घटना का जिक्र करते हुए पीएम पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि वो चुनाव आयोग से शिकायत करेंगी।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। Bengal Chunav 2021 बंगाल में चुनावी गहमागहमी के बीच मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश दौरे पर सवाल उठाया है। वहां मतुआ समुदाय के मंदिर में पीएम मोदी के शनिवार को जाने और समुदाय के लोगों को संबोधित करने को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करार देते हुए ममता ने कहा है कि उनकी पार्टी चुनाव आयोग से इसकी शिकायत करेगी।
खड़गपुर में शनिवार को एक चुनावी रैली में ममता ने कहा कि जब बंगाल में चुनाव चल रहे हैं तब प्रधानमंत्री मोदी एक समुदाय का वोट पाने के लिए बांग्लादेश गए हैं। वहां जाकर बंगाल पर लेक्चर दे रहे हैं। यह चुनाव आचार संहिता का पूरी तरह उल्लंघन है।
तृणमूल सुप्रीमो ने कहा कि कभी-कभी वे (भाजपा नेता) कहते हैं कि ममता, बांग्लादेश से लोगों को ला रही हैं, घुसपैठ करा रही है। लेकिन वह (प्रधानमंत्री) खुद वोट मार्केटिंग के लिए बांग्लादेश जाते हैं।
तृणमूल की रैली में बांग्लादेशी एक्टर के आने पर मचे बवाल का किया जिक्र
ममता ने पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान एक बांग्लादेशी एक्टर के तृणमूल रैली में शामिल होने पर हुए विवाद और एक्टर का वीजा रद्द होने की घटना का जिक्र करते हुए पीएम पर हमला बोला। ममता ने कहा, 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान जब एक बांग्लादेशी ऐक्टर ने हमारी रैली में हिस्सा लिया तब भाजपा ने बांग्लादेश सरकार से बात की और उसके वीजा को रद्द कर दिया...। अब जब यहां चुनाव चल रहे हैं, आप (प्रधानमंत्री) एक तबके के लोगों के वोट की खातिर बांग्लादेश पहुंच गए, आपका वीजा क्यों नहीं कैंसल होना चाहिए? हम लोग चुनाव आयोग से शिकायत करेंगे।
बांग्लादेश दौरे के आखिरी दिन मतुआ समुदाय के मंदिर भी गए पीएम मोदी
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो दिवसीय बांग्लादेश दौरे के आखिरी दिन मतुआ समुदाय के लोगों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने मतुआ समुदाय के मंदिर में भी कुछ पल बिताए। दरअसल, बंगाल में मतुआ समुदाय सियासी तौर पर काफी अहम है और करीब 70 विधानसभा सीटों पर जीत-हार तय करने में उनकी अहम भूमिका रहती है।