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West Bengal: कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के पक्ष में फिर उतरीं ममता बनर्जी

West Bengal ममता बनर्जी कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे लोगों के समर्थन में फिर से उतरी हैं। उन्होंने एक साथ दो ट्वीट कर किसान आंदोलन को समर्थन करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की उदासीनता का खामियाजा देश के किसान भुगत रहे हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 04:32 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 04:32 PM (IST)
West Bengal: कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के पक्ष में फिर उतरीं ममता बनर्जी
कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के पक्ष में फिर उतरीं ममता बनर्जी। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे लोगों के समर्थन में फिर से उतरी हैं। उन्होंने एक साथ दो ट्वीट कर किसान आंदोलन को समर्थन करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की उदासीनता का खामियाजा देश के किसान भुगत रहे हैं। पिछले सप्ताह भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने ममता से राज्य सचिवालय नवान्न में मुलाकात की थी। दोनों नेताओं के बीच केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को तेज करने और सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा हुई थी। ममता ने ट्वीट किया कि इस दिन दस साल पहले सिंगुर भूमि पुनर्वास और विकास विधेयक 2011 को बंगाल विधानसभा में एक लंबे और कठिन संघर्ष के बाद पारित किया गया था। हमने एकजुट होकर अपने किसानों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और उनकी शिकायतों का समाधान किया, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आया।

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आज मुझे दुख हो रहा है कि देश भर में हमारे किसान भाई केंद्र की उदासीनता का खामियाजा भुगत रहे हैं। साथ में, हम अपने समाज की रीढ़ की हड्डी की भलाई सुनिश्चित करने के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। उनके अधिकारों की रक्षा करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। शुरू से ही ममता किसान आंदोलन का समर्थन करती आ रही हैं। इससे पहले इसी साल मार्च-अप्रैल में बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने तृणमूल कांग्रेस को जिताने की बात तक कही थी। तृणमूल के कई सांसद भी दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन के मंचों पर पहुंचे थे और आंदोलन का समर्थन किया था। 

इधर, प्रचंड बहुमत के साथ बंगाल में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के बावजूद बहुचर्चित सिंगुर में तृणमूल कांग्रेस में अंदरूनी कलह शांत होता नजर नहीं आ रहा।बीते विधानसभा चुनाव में दल विरोधी कार्य करने के आरोप में सिंगुर ब्लॉक तृणमूल कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद धारा ने स्थानीय बागभाड़ा-छीनामोड़ पंचायत की प्रधान अंजलि घोष एव उपप्रधान चंद्रनाथ दास को पार्टी से बहिष्कृत कर दिया है। बताया गया है कि दोनों सिंगुर के विधायक एव राज्य के श्रम मंत्री बेचाराम मन्ना के विरोधी हैं। इस बाबत बेचाराम मन्ना की अब तक प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।

गोविंद धारा ने कहा कि बीते विधानसभा चुनाव में प्रधान व उपप्रधान ने तृणमूल के खिलाफ काम किया था। इसी को देखते हुए दोनों को बहिष्कृत किया गया है। दूसरी तरफ अंजलि घोष का कहना है कि गत पंचायत चुनाव में खुद बेचाराम मन्ना ने उप प्रधान के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा कर खुलेआम दल के खिलाफ बगावत की थी। आज वही लोग सिंगुर के बड़े नेता बने हुए हैं। हुगली जिला तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष दिलीप यादव ने कहा-' हमलोग जिले से राज्य कमेटी को इस बाबत सिफारिश भेजते है। राज्य कमेटी से निर्देश मिलने के बाद ही हमलोग आरोपितों पर कार्रवाई करते हैं।'


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