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भाजपा कार्यालय में समोसे-पकौड़े लाकर देने वाले 'सुबोध' को पार्टी बनाए उम्मीदवार : तथागत

बंगाल भाजपा के वरिष्ठ नेता ने अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस दोनों पर एक साथ निशाना साधा। विस चुनाव में हार के लिए तथागत ने उम्मीदवारों के गलत चयन को जिम्मेदार ठहराते प्रदेश अध्यक्ष घोष की कड़ी आलोचना की पकौड़े को बंगाल का भविष्य बताकर सत्ताधारी पार्टी पर निशाना साधा है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 07 Sep 2021 06:12 PM (IST)Updated: Tue, 07 Sep 2021 06:12 PM (IST)
भाजपा कार्यालय में समोसे-पकौड़े लाकर देने वाले 'सुबोध' को पार्टी बनाए उम्मीदवार : तथागत
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कुछ समय पहले कहा था कि पकौड़े बेचना बंगाल में छोटे उद्योग की तरह है।

 राज्य ब्यूरो, कोलकाता : मेघालय व त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल और बंगाल भाजपा के वरिष्ठ नेता तथागत राय ने कोलकाता की भवानीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में 'सुबोध' को पार्टी उम्मीदवार बनाने का सुझाव देकर भाजपा व तृणमूल कांग्रेस, दोनों पर एक साथ निशाना साधा है।तथागत ने ट्वीट कर कहा-भाजपा को भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव में 'सुबोध' को उम्मीदवार बनाना चाहिए। सुबोध नामक यह शख्स कौन है? तथागत राय ने ट्वीट के जरिए इसका भी जवाब दिया है। उन्होंने कहा-सुबोध भाजपा कार्यालय में समोसे-पकौड़े लाकर देता है। पकौड़े ही तो बंगाल का भविष्य हैं।

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गौरतलब है कि पिछले बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के लिए तथागत ने उम्मीदवारों के गलत चयन को जिम्मेदार ठहराते हुए बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष की कड़ी आलोचना की थी। पकौड़े को बंगाल का भविष्य बताकर दरअसल उन्होंने तृणमूल सरकार पर निशाना साधा है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कुछ समय पहले कहा था कि पकौड़े बेचना बंगाल में छोटे उद्योग की तरह है। इस बीच भाजपा भवानीपुर सीट पर ममता के खिलाफ चार नामों पर विचार कर रही है। इनमें तथागत के अलावा दिनेश त्रिवेदी, रुद्रनील घोष व अनिर्बाण गंगोपाध्याय के नाम सामने आ रहे हैं। रुद्रनील ने पिछला विधानसभा चुनाव भवानीपुर सीट से ही लडा़ था।

तृणमूल के कद्दावर नेता शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने उन्हें 30,000 वोटों के अंतर से हराया था अनिर्बाण गंगोपाध्याय बोलपुर सीट से भाजपा के टिकट पर खड़े हुए थे। उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा था। दिनेश त्रिवेदी विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल की राज्यसभा सदस्यता छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। तथागत पिछला विधानसभा चुनाव भी लड़ना चाहते थे लेकिन पार्टी की ओर से उन्हें टिकट नहीं दिया गया था।


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