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जलपाईगुड़ी ट्रेन हादसा जांच में सामने आई बड़ी लापरवाही, 13 जनवरी को हुई थी 9 की मौत

उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी में 13 जनवरी को पटरी से उतरकर हादसे का शिकार हुई बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस घटना में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। इंजन समेत कई बोगयिां पटरी से उतर गईं थी। हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई थी।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Fri, 11 Feb 2022 06:27 PM (IST)Updated: Fri, 11 Feb 2022 07:05 PM (IST)
प्रारंभिक जांच में सामने आई बड़ी लापरवाही , सांकंतिक तस्‍वीर।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी में 13 जनवरी को पटरी से उतरकर हादसे का शिकार हुई बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस घटना में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। जाचं में पता चला है कि इस ट्रेन का इंजन यात्रा संबंधी जरूरी निरीक्षण के बिना करीब 18,000 किलोमीटर तक चल चुका था जबकि हर 4,500 किलोमीटर पर इस तरह की जांच की जरूरत होती है। प्रारंभिक जांच से यह जानकारी सामने आई है।

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गौरतलब है कि इंजन समेत कई बोगियों के पटरी से उतरने के कारण हुए इस ट्रेन हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई थी जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे। रेलवे सुरक्षा आयोग ने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के महाप्रबंधक को लिखे एक पत्र में रेल नेटवर्क पर फर्जी निरीक्षण पर भी सवाल उठाए हैं। इसमें कहा गया है कि इंजन का छह दिसंबर 2021 को पिछली बार यात्रा संबंधी निरीक्षण किया गया था। तब से यह लगातार चल रहा था और 13 जनवरी को ट्रेन नंबर 15633 अप की यात्रा के समय इंजन के पटरी से उतरने से पहले लगभग 18,000 किमी की दूरी तय की जा चुकी थी। पत्र में कहा गया, निर्धारित निरीक्षण कार्यक्रम के अनुसार वैप 4 लोकोमोटिव को प्रत्येक 4,500 किलोमीटर पर यात्रा निरीक्षण से गुजरना होता है लेकिन ऐसा नहीं किया गया था। यात्रा संबंधी निरीक्षण एक महत्वपूर्ण सुरक्षा जांच है जिसमें सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक प्रशिक्षित रेलवे अधिकारी द्वारा लोकोमोटिव के उपकरणों को जांचा जाता है।

रेलवे सुरक्षा आयोग के पत्र में कहा गया है, यह उम्मीद की जाती है कि रेलवे ने एक निगरानी प्रणाली को संस्थागत रूप दिया है ताकि यह प्रक्रिया समय पर की जाए। पत्र में आगे कहा गया, जांच के दौरान प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों से यह पता चला कि पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर मंडल द्वारा जारी किए गए एक लोको लिंक में, एनसीबी (न्यू कूचबिहार) और एएफ (आगरा किला) में यात्रा निरीक्षण से गुजरने के लिए इलेक्ट्रिक इंजन आवंटित किए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि इन दोनों स्थानों पर यात्रा संबंधी निरीक्षण की कोई सुविधा नहीं है। इस तरह की मिथ्या जांच कैसे हो सकती है, यह रेलवे की जांच का विषय है।

प्रत्येक लोकोमोटिव के लिए यात्रा निरीक्षण की निगरानी की जाए

इस हादसे के मद्देनजर रेलवे सुरक्षा आयोग ने सिफारिश की है कि रेलवे यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए कि प्रत्येक लोकोमोटिव के लिए यात्रा निरीक्षण की निगरानी की जाए। आयोग ने कहा है कि यह सुनिश्चित करना रेलवे की जिम्मेदारी होगी कि एक इंजन समय पर यात्रा निरीक्षण सहित सभी निर्धारित प्रक्रिया से गुजरे। आयोग ने कहा कि लोको लिंक की जांच करने और जहां भी आवश्यक हो जरूरी सुधारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए रेलवे के सुरक्षा संगठन का मसौदा तैयार किया जाना चाहिए। हादसे की अंतिम रिपोर्ट अभी नहीं आई है।


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