बीएसएफ की बड़ी कार्रवाई, अवैध रूप से सीमा पार करते चार बंगलादेशी नागरिकों के साथ दो दलाल गिरफ्तार
जवानों ने बंगाल के नदिया जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध घुसपैठ के प्रयासों को नाकाम कर चार बांग्लादेशी नागरिकों के साथ दो भारतीय दलालों को भी गिरफ्तार किया है।
कोलकाता, राजीव कुमार झा। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने बंगाल के नदिया जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध घुसपैठ के प्रयासों को नाकाम कर चार बांग्लादेशी नागरिकों के साथ दो भारतीय दलालों को भी गिरफ्तार किया है।
दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह ने गुलेरिया ने बताया कि इन सभी को नदिया में बीएसएफ की सीमा चौकी सिल्बेरिया के इलाके से आठवीं बटालियन के सतर्क जवानों ने शनिवार सुबह में पकड़ा जब वे अवैध तरीके से भारत में प्रवेश की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने बताया कि बीएसएफ की खुफिया शाखा से सूचना मिली कि दो भारतीय दलाल जिनका नाम क्रमश: शाहीन मलीता तथा मूसा नबी मंडल है, बॉर्डर के नजदीक बांग्लादेशियों को अवैध तरीके से भारत में प्रवेश कराने की फिराक में घूम रहे है। सूचना मिलने ही सीमा चौकी सिलबेरिया के जवानों को सतर्क कर दिया गया। इस बीच एक दलाल शाहीन मलीता के फोन पर बार- बार बांग्लादेशी दलाल के फोन आ रहे थे। संदिग्ध हरकत दिखने पर बीएसएफ ने दोनों को पकड़ कर पूछताछ की। इसके आधार पर जवानों ने बॉर्डर रोड के आगे अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक केले के बगीचे में विशेष घात लगाया गया।
सुबह लगभग पांच बजे जवानों को बांग्लादेश की तरफ से कुछ संदिग्ध व्यक्ति अवैध तरीके से अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार करते हुए भारतीय सीमा में दाखिल होते हुए दिखाई दिए। जवानों ने तुरंत चुनौती दी और पीछा कर चारों घुसपैठियों को पकड़ लिया। उसके पश्चात सभी को सीमा चौकी सिल्बेरिया में लाया गया। प्रारंभिक पूछताछ के दौरान गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी नागरिकों ने अपना नाम जमाल हसन (31), कमल हसन (25), सईद पीयास (33) व सफीकुल हसन (44) बताया। चारों बांग्लादेश के यशोर जिले का रहने वाला है। वहीं, दोनों दलाल शाहीन मलीता (26) और मूसा नबी मंडल (21), नदिया जिले के हंसखली थाना अंतर्गत कुमारी, रामननगर गांव का रहने वाला है।
मजदूरी के लिए जाना चाहते थे मुंबई, सीमा पार कराने के लिए दलाल को दिए थे 40,000 बांग्लादेशी मुद्रा
बीएसएफ डीआइजी गुलेरिया ने बताया कि पकड़े गए बांग्लादेशियों में जमाल हसन, कमल हसन और सईद पियास ने खुलासा किया कि वे लोग मुंबई में मजदूरी का कार्य करने के लिए जाना चाहते थे और इस काम के लिए उन तीनों ने एक बांग्लादेशी दलाल कविराज, ग्राम - नवारॉन, थाना - सरसा, जिला - यशोर, बांग्लादेश को 40,000 बांग्लादेशी टका दिया था। वहीं, एक अन्य बांग्लादेशी सफीकुल हसन ने बताया कि कोलकाता में मजदूरी का कार्य करने के लिए वह जाने वाला था और इस कार्य के लिए उसने उपरोक्त दलाल को 8,000 रुपए दिए थे। बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए सभी गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिकों तथा भारतीय दलालों को हंसखली पुलिस थाने को सौंप दिया है।
अवैध घुसपैठ रोकने को कड़े कदम उठा रहा है बीएसएफ का दक्षिण बंगाल फ्रंटियर
गौरतलब है कि सीमा सुरक्षा बल का दक्षिण बंगाल फ्रंटियर भारत-बांग्लादेश सीमा पर मानव तस्करी व अवैध घुसपैठ रोकने के लिए कड़े कदम उठा रहा है। जिस वजह से मानव तस्करों तथा दलालों को बॉर्डर एरिया में अपनी गतिविधियों को अंजाम देने में काफी मुश्किलों का अनुभव हो रहा है। उनमें से कई पकड़े जा रहे हैं और अपराध करने के लिए उन्हेंं दंड दिया जा रहा है। पिछले साल बीएसएफ ने दक्षिण बंगाल बॉर्डर इलाके से 3,000 से ज्यादा बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से सीमा पार करते पकड़ा था। यह भी गौर करने वाली बात है कि साल 2019 के बाद से दक्षिण बंगाल बॉर्डर इलाके में घुसपैठ व तस्करी की घटनाओं में अभूतपूर्व कमी आई है।इसका श्रेय इस फ्रंटियर के उन उच्च पदस्थ अधिकारियों को जाता है जिन्होंने 2019 में जिम्मेदारी संभालने के बाद से तस्करों और घुसपैठियों की कमर तोड़ कर रख दी है।खासकर इसमें बीएसएफ के जी ब्रांच की बड़ी भूमिका रही है। यह बॉर्डर इलाका हमेशा से तस्करी और घुसपैठ के लिए कुख्यात रहा है।