Move to Jagran APP

कृष्णानगर : त्रिकोणीय मुकाबले में वर्चस्व की जंग

- माकपा के गढ़ में सेंधमारी को आतुर भाजपा-तृणमूल प्रकाश पांडेय कोलकाता अपने सांस्कृतिक

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Apr 2019 08:01 AM (IST)Updated: Sun, 28 Apr 2019 08:01 AM (IST)
कृष्णानगर : त्रिकोणीय मुकाबले में वर्चस्व की जंग
कृष्णानगर : त्रिकोणीय मुकाबले में वर्चस्व की जंग

- माकपा के गढ़ में सेंधमारी को आतुर भाजपा-तृणमूल

loksabha election banner

प्रकाश पांडेय, कोलकाता : अपने सांस्कृतिक पहचान के लिए बंगाल में शुमार रही कृष्णानगर की सियासी गणित उसके असल स्वरूप के ठीक विपरीत रहा है। वर्तमान में भले ही इस सीट पर राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस का कब्जा हो, लेकिन यह सीट कभी वामपंथ का गढ़ रही है और इस गढ़ में भाजपा सेंधमारी के फिराक में है। हालांकि एक बार पहले भी इस सीट पर भाजपा जीत का स्वाद चख चुकी है। लेकिन इस बार यहां रोमांचक मुकाबले की उम्मीद है। तृणमूल, भाजपा, काग्रेस के उम्मीदवार सहित कुल 11 प्रत्याशी मैदान में हैं। तृणमूल काग्रेस ने महुआ मैत्र को चुनावी रण में उतारा है तो वहीं माकपा ने डॉ. शातनु झा पर दाव खेलते हुए मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। भाजपा की ओर से कल्याण चौबे बतौर प्रत्याशी मैदान हैं। हालांकि पूर्व भारतीय गोलकीपर कल्याण चौबे जब फुटबाल के मैदान थे तो उनका काम था विपक्षी टीम को गोल करने से रोकना पर अब चुनावी समर में उनकी भूमिका पूरी तरह से बदल गई है। अब वह भाजपा केलिए कृष्णानगर संसदीय सीट से गोल दागने के फिराक में है। इधर, पहली बार चुनाव लड़ रहे भाजपा प्रत्याशी कल्याण चौबे (42) को भरोसा है कि वे अपने फुटबॉल ग्राउंड के तर्जुबा के बूते सियासी मैदान में भी विरोधियों को मात देने में सफल होंगे। गौरतलब है चौथे लोकसभा चुनाव यानी 1967 में यह सीट अस्तित्व आई थी। तब से लेकर अब तक हुए 13 लोकसभा चुनाव में माकपा ने नौ बार जीत हासिल की है। 1967 में इस सीट पर पहली बार आम चुनाव हुआ था, उस दौरान निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे हरिपद चट्टोपाध्याय ने जीत हासिल की थी। माकपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली कृष्णपदा दास ने 1977, 1980 और 1984 तक लगातार लोकसभा सदस्य चुनी जाती रहीं। 1989 के चुनाव में माकपा के टिकट पर अजय मुखोपध्याय चुनाव मैदान में उतरे और सासद चुने गए, वह 1991, 1996 और 1998 तक लोकसभा सदस्य चुने जाते रहे। लेकिन 1999 में पहली बार इस सीट पर भाजपा ने परचम लहराया। इस चुनाव में भाजपा के सत्यब्रत मुखर्जी सासद चुने गए। हालांकि 2004 के चुनाव में माकपा ने एक बार फिर वापसी की और पार्टी नेता ज्योतिर्मय सिकदर ने जीत हासिल की। लेकिन 2009 के चुनाव में तृणमूल काग्रेस के तापस पॉल ने जीत हासिल की और 2014 में मोदी लहर के बावजूद वह अपनी जीत सुनिश्चित करने में कामयाब रहे। आम चुनाव 2014 के परिणाम (कृष्णानगर)

पार्टी उम्मीदवार प्राप्त मत मत प्रतिशत

तृणमूल कांग्रेस तापस पॉल 4,38,789 35.14

माकपा डॉ. शातनु झा 3,67,534 29.43

भाजपा सत्यब्रत मुखर्जी 3,29,873 26.38

कांग्रेस रजिया अहमद 74,789 5.99 जीत का अंतर- 71,255 वोट

2019 में कुल मतदाता - 16,22,495

पुरुष वोटरों की संख्या - 841003

महिला वोटरों की संख्या - 781449

अन्य मतदाता - 43

मतदान केंद्रों की संख्या - 1812


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.