बंगाल के लोस चुनाव में 'एम' फैक्टर है अहम
-छह लोकसभा सीटों पर सात लाख से अधिक है मुस्लिम मतदाता -आठ संसदीय क्षेत्रों में इनकी जनसंख्या पाच
-छह लोकसभा सीटों पर सात लाख से अधिक है मुस्लिम मतदाता
-आठ संसदीय क्षेत्रों में इनकी जनसंख्या पाच से सात लाख के बीच
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: बंगाल के चुनाव में इस बार भी 'एम' यानी मुस्लिम फैक्टर की निर्णायक भूमिका होगी, क्योंकि राज्य के जनसाख्यिकीय प्रोफाइल से पता चलता है कि यहा ऐसी छह लोकसभा सीट हैं जहा सात लाख से ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं और आठ संसदीय क्षेत्र में इनकी संख्या पाच और सात लाख के बीच है। बाकी 28 सीटों संसदीय क्षेत्रों में मुस्लिमों की आबादी चार लाख से कम है। बंगाल में गुरुवार को लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई, जहा मतदाताओं ने कूचबिहार और अलीपुरद्वार आरक्षित सीटों पर मत डाले।
2014 में इन दोनों सीटों पर तृणमूल काग्रेस ने जीत हासिल की थी, लेकिन अगर मौजूदा स्थिति पर नजर डाले तो कूचबिहार सीट भारतीय जनता पार्टी के लिए दूर की कौड़ी नहीं लग रही है, जो पिछले चुनाव में इसकी दो सीटों (दार्जिलिंग और आसनसोल) की संख्या में बढ़ोतरी कर सकती है। पिछले चुनाव में 42 में से 34 सीटों पर ममता बनर्जी की तृणमूल काग्रेस ने जीत दर्ज की थी। चार सीटों पर काग्रेस जीती थी। वाम मोर्चा और भाजपा को दो-दो सीटें मिली थीं।
मुस्लिमों की संख्या पर गौर करें तो मुर्शिदाबाद जिले के बहरामपुर लोकसभा सीट पर करीब 10 लाख, मुर्शिदाबाद सीट में करीब 8 लाख, जंगीपुर में करीब 11 लाख, रायगंज में करीब 9 लाख, मालदा उत्तर में करीब 9 लाख और मालदा दक्षिण में करीब 8 लाख मुस्लिम मतदाता हैं।
मालदा उत्तर, मालदा दक्षिण, जंगीपुर और मुर्शिदाबाद में चुनाव तीसरे चरण में 23 अप्रैल को होंगे। रायगंज में 18 अप्रैल को और बहरामपुर में 29 अप्रैल को मतदान होगा। अच्छी संख्या में मुस्लिम मतदाताओं वाली कुछ अन्य सीटें मथुरापुर (अनुसूचित जाति), डायमंड हार्बर, जादवपुर, कोलकाता दक्षिण, कोलकाता उत्तर, बोलपुर (अनुसूचित जाति), बीरभूम व जयनगर (अनुसूचित जाति) हैं। पश्चिम बंगाल में चुनाव सभी सात चरणों में होंगे। दमदम, बारासात, बशीरहाट, जयनगर, मथुरापुर, डायमंड हार्बर, जादवपुर, कोलकाता दक्षिण, कोलकाता उत्तर में चुनाव अंतिम चरण के तहत 19 मई को होंगे। भाजपा ने यहा ममता बनर्जी के खिलाफ आक्रामक अभियान चलाया है। पार्टी के आतरिक मूल्याकन के अनुसार, भाजपा यहा 10 सीटों पर कब्जा जमा सकती है, लेकिन तृणमूल काग्रेस, भाजपा की बढ़त को रोकने के लिए प्रतिबद्ध दिखाई दे रही है।